आम बजट के प्रस्तावों से पेट्रोल में एथनाल मिश्रण के लक्ष्य को समय से पूरा करने में मदद मिलेगी। वर्ष 2025-26 तक पेट्रोल में 20 फीसद एथनाल मिश्रण कार्यक्रम को इससे रफ्तार मिलेगी। इसी के मद्देनजर आम बजट में अन्य जरूरतों में खपत के लिए एथनाल आयात को शुल्क मुक्त कर दिया गया है। हरित ऊर्जा के क्षेत्र में यह बड़ी पहल है, जिसे भारत में तेजी से अपनाया जा रहा है।
एथनाल मिश्रण कार्यक्रम में चीनी उद्योग क्षेत्र सबसे बड़ा हिस्सेदार
सरकार के पेट्रोल में एथनाल मिश्रण कार्यक्रम में चीनी उद्योग क्षेत्र सबसे बड़ा हिस्सेदार है। चीनी उद्योग में चीनी के सौ फीसद सह उत्पाद शीरा (मोलैसेस) का उपयोग अब एथनाल उत्पादन में हो सकेगा। दूसरी तरफ चीनी उदयोग क्षेत्र आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सीधे गन्ने के रस से एथनाल उत्पादन भी करने लगा है। इससे भी एथनाल का उत्पादन तेजी से बढ़ा है। दरअसल घरेलू रसायन उद्योग में एथनाल का प्रचुर मात्रा में उपयोग होता है। एथनाल के अन्य क्षेत्रों में हो रहे डायर्जन को रोकने के लिहाज से सरकार का यह कदम काफी मुफीद साबित होगा।
ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की दिशा माना जा रहा है उत्साहजनक
एथनाल का उपयोग पेट्रोल में मिलाने के अलावा घरेलू रसायन, पेंट्स और फार्मास्युटिकल्स उद्योग में भारी मात्रा में होता है। इन क्षेत्रों की जरूरतों को सस्ते आयात से पूरा करने के मकसद से यह प्रयास एथनाल मिश्रण कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाएगा। ग्रीन एनर्जी कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की दिशा में इसे उत्साहजनक माना जा रहा है। वर्ष 2013-14 में पेट्रोलो में मात्र 1.53 फीसद एथनाल मिलाया जा रहा था, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर 10.17 फीसद पहुंच गया है। इसे वर्ष 2025-25 में बढ़ाकर 20 फीसद ‘कार्यक्रम ई-20’ को पूरा करना है। वैसे तो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वर्ष 2030 का वर्ष निर्धारित किया गया था, जिसे पांच साल पहले ही पूरा कर लिया गया।