आंध्र प्रदेश में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, म्यांमार स्टाइल में लगाते थे चूना

भारत में साइबर ठगी से जुड़े कई तरह के मामले सामने आए हैं। इसी तरह का एक और मामला आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले से आया है, जहां म्यांमार और कंबोडिया जैसे स्टाइल में साइबर ठगी की जा रही थी।

पुलिस ने इस साइबर ठगी के मामले का भंडाफोड़ कर 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। अब पुलिस इन लोगों को अज्ञात स्थान पर ले जाकर पूछताछ में जुटी है।

पूछताछ में जुटी पुलिस
हिरासत में लिए गए लोगों से पुलिस उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों, भर्ती प्रक्रिया और ठगी के तौर-तरीकों के बारे में पूछताछ कर रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों के नागरिकों को ठगी का शिकार बना रहे थे।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साइबर ठग करने वाली कंपनी ऐसे युवाओं को भर्ती करती थी जिनका अंग्रेजी उच्चारण काफी ज्यादा अच्छा, जिससे विदेशी नागरिकों को अपने जाल में आसानी से फंसाया जा सके। ये सारे युवक-युवतियां दिखने में कॉल सेंटर जैसी सेटिंग में काम करते थे।

पुलिस ने बुधवार को छापा मारा था और इस दौरान कुछ लोग अंधेरे और सीमित पुलिस बल का फायदा उठाकर वहां से भागने में कामयाब हो गए थे। पुलिस द्वारा की गई छापेमारी चार महीने की निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर की गई थी।

एक हफ्ते पहले ही नौकरी में शामिल हुए थे कुछ लोग
हिरासत में लिए गए कई संदिग्धों ने दावा किया है कि उन्हें ठगी की जानकारी नहीं थी और वे लोग एक हफ्ते पहले ही नौकरी में शामिल हुए थे। उनका कहना है कि वे अभी इंडक्शन प्रक्रिया में थे और उन्हें ठगी के बारे में कुछ भी पता नहीं था। फिलहाल, पुलिस अभी इस रैकेट के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।

मिलती थी 20 से 30 हजार रुपये की सैलरी
शुरुआती जांच में पता चला है कि इस रैकेट में काम करने वाले युवाओं को महीने के 20 हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक की सैलरी मिलती थी। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि हमें लगा यहां कॉल सेंटर है और ये सारे युवा हमेशा कॉल पर ही रहते थे और कई फ्लेट्स में कंप्यूटर सिस्टम लगे हुए थे।

पुलिस अब इस अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त करने की दिशा में काम कर रही है। पुलिस यह भी सुनिश्चित कर रही है कि ऐसे फर्जी कॉल सेंटर भविष्य में फिर से सक्रिय न हो सके।

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