सेना के कब्जे से खाली कराए गए आगरा किला के मीना बाजार, मोती मस्जिद से वाटर गेट, हाथीपोल तक के हिस्से को पर्यटकों को दिखाने की तैयारी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मीना बाजार का संरक्षण पूरा कर लिया है, वहीं संगमरमर से तामीर की गई मोती मस्जिद के पास बागीचा और पाथवे बनाया गया है। संरक्षण के बाद इन क्षेत्रों की तस्वीर एकदम बदल गई है।
93 एकड़ क्षेत्र में फैले आगरा किला का 72 एकड़ क्षेत्र सेना के कब्जे में है, जबकि 21 एकड़ क्षेत्र ही ऐसा है, जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास है। इसमें भी केवल 10 एकड़ क्षेत्र ही पर्यटक देख सकते हैं। बाकी हिस्से सेना से लेने के बाद संरक्षण किया गया है। इनमें मीना बाजार, मोती मस्जिद, शिवाजी की कथित जेल, वाटरगेट, हाथीपोल, रतनसिंह की हवेली के पीछे का हिस्सा एएसआई के पास आया तो संरक्षण कार्य शुरू हुए। अब मीना बाजार के तीनों क्षेत्रों का संरक्षण पूरा हो चुका है।
200 साल तक बंद रहने के बाद इसे पर्यटकों के लिए खोलने की तैयारी है। एएसआई ने दीवान ए आम परिसर से प्रवेश करते ही मोती मस्जिद के पास जनसुविधाएं विकसित की हैं, वहीं मोती मस्जिद की दीवार से सटे हिस्से में बागीचा विकसित किया है। हाल में यूनेस्को की टीम के आने पर इसी जगह उन्हें सुविधाएं प्रदान की गई थीं।
2 मीटर तक मलबे में दबा था मीना बाजार
आगरा किला के मीना बाजार में एएसआई ने तीन चरणों में संरक्षण किया है। सेना के पास वाले हिस्से से मोती मस्जिद तक मीना बाजार तक 2 मीटर तक मलबा, मिट्टी पड़ी हुई थी। मुगल काल में यह शाही बाजार था, जबकि ब्रिटिश काल में मीना बाजार की दुकानों को अस्पताल के रूप में बदल दिया गया था। यहां एंबुलेंस खड़ी होने का स्थान भी अंग्रेजों ने बनाया था, जिसका बोर्ड अब भी लगा हुआ है। मलबा हटाकर मूल फर्श निकाला गया है, जिसमें बीच में लाल पत्थर के बोल्डर और उसके दोनों ओर लाखौरी ईंटों का फर्श है।
अमर सिंह गेट से प्रवेश, हाथीपोल से निकास
आगरा किला में अमर सिंह गेट से पर्यटक प्रवेश करते हैं। मीना बाजार, वाटर गेट से हाथीपोल तक का संरक्षण होने के बाद पर्यटकों को पूरा किला घुमाकर हाथीपोल से निकाला जा सकता है, वहीं मीना बाजार के रास्ते दिल्ली गेट पर भी पर्यटक जा सकते हैं। टूरिज्म गिल्ड अध्यक्ष राजीव सक्सेना के मुताबिक किले का जितना हिस्सा पर्यटकों के लिए खोला जाएगा, उतना आगरा के लिए अच्छा है। यहां लाइट एंड साउंड शो के साथ कार्यक्रमों की अनुमति भी दी जाए तो पर्यटन गतिविधियां बढ़ जाएंगी।
पर्यटकों के लिए जनसुविधाएं भी
अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि मीना बाजार के संरक्षण के साथ मोती मस्जिद के पास बागीचा बनाया गया है। हाथीपोल, वाटरगेट के पास के हिस्सों को मूल रूप में लाया गया है। पर्यटकों के लिए जनसुविधाएं भी इस क्षेत्र में विकसित की गई हैं।