ईरान की इलीट फोर्स रिवोल्यूशनरी गार्ड कार्प्स के अंतर्गत कार्य करने वाली कुद्स फोर्स के प्रमुख कमांडर इस्माइल कानी को इजरायल का जासूस होने के शक में गिरफ्तार कर लिया गया है। कई दिन लापता रहने के बाद कानी के गिरफ्तार होने की जानकारी सामने आई है। कानी सितंबर के अंत में लेबनान की राजधानी बेरूत की यात्रा पर थे उसी दौरान 27 सितंबर को हिजबुल्ला प्रमुख हसन नसरुल्ला, उसके कई कमांडरों और रिवोल्यूशनरी गार्ड के उप प्रमुख की इजरायल के भीषण हवाई हमले में मौत हुई थी।
माना जा रहा है कि इजरायल को नसरुल्ला की मौजूदगी का सुराग कानी ने दिया था। नसरुल्ला की मौत के बाद उसके उत्तराधिकारी माने जा रहे हाशेम सेफेद्दीन के साथ अक्टूबर के शुरुआती दिनों में कानी की बैठक होनी थी लेकिन कानी उस बैठक में नहीं पहुंचे बल्कि जिस भवन में बैठक होनी थी उस पर इजरायली विमानों का हमला हो गया। कई दिन बाद सेफेद्दीन के मारे जाने की इजरायल ने पुष्टि कर दी।
ईरानी एजेंसियों का शक पक्का
हमले के समय इस्माइल कानी को भी सेफेद्दीन के साथ होना था, इसलिए उनके भी मारे जाने की चर्चा तेजी से उड़ी लेकिन उन्हें बेरूत में जिंदा पाया गया। इसी के बाद ईरानी एजेंसियों का शक पक्का हो गया। कानी को बेरूत में ही हिजबुल्ला के सहयोग से गिरफ्तार किया गया या उन्हें ईरान बुलाकर हिरासत में लिया गया, यह अभी निश्चित नहीं हो पाया है लेकिन इस समय वह ईरानी एजेंसियों की गिरफ्त में हैं।
पूछताछ में दिल का दौरा पड़ा, अब स्वस्थ होने का इंतजार
पता चला है कि पूछताछ के दौरान कानी को दिल का दौरा पड़ा और कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब उनके स्वस्थ होने का इंतजार किया जा रहा है जिससे कि उनसे विस्तृत पूछताछ की जा सके। शक यह भी है कि तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हानिया के मारे जाने में इस्माइल कानी का हाथ हो सकता है। क्योंकि हानिया के ठहरने के गुप्त ठिकाने की जानकारी बहुत कम लोगों को थी। चूंकि कानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष अधिकारी थे, इसलिए उनके पास हानिया की पूरी जानकारी होना सामान्य बात थी। इसलिए माना जा रहा है कि कानी की सूचना पर इजरायल ने ईरान में मौजूद अपने एजेंटों के जरिये हानिया की हत्या करवा दी।
हानिया की हत्या में सीधे तौर पर कानी के शामिल होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि हमास प्रमुख की हत्या के समय ही चर्चा उठी थी कि ईरान की सुरक्षा एजेंसियों में इजरायली एजेंट मौजूद हैं जो इजरायल को महत्वपूर्ण सूचनाएं देते हैं और घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसी के चलते ईरान के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी सहित कई प्रमुख लोगों की रहस्यमय स्थितियों में मौत हुई है।
ईरानी पेट्रो और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों पर बढ़ा अमेरिकी प्रतिबंध
ईरान के इजरायल पर मिसाइल हमले के बाद अमेरिका ने सख्त कार्रवाई करते हुए इसके पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ”इस कार्रवाई से ईरान पर वित्तीय दबाव बढ़ गया है। इसका उद्देश्य अमेरिकी साझेदारों-सहयोगियों पर हमला करने और क्षेत्र में स्थिरता को कमजोर करने के लिए ईरान के महत्वपूर्ण ऊर्जा राजस्व अर्जित करने की शासन की क्षमता को सीमित करना है।”
अमेरिका के नए कदम में पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल सेक्टरों को शामिल किया गया है। यह एक एक्जीक्यूटिव आर्डर है जो ईरानी अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों पर निशाना साधता है। इसका उद्देश्य परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम के लिए संसाधन जुटाने में सरकार को वित्तीय रूप से वंचित करना है।