
गोकुल बैराज से पानी छोड़ा गया, तो यमुना ने रौद्र रूप धारण कर लिया। यमुना फिलहाल चेतावनी स्तर से एक फुट नीचे बह रही थी। एहतियातन प्रशासन ने यमुना किनारे बसे 40 गांव में अलर्ट जारी किया है।
गोकुल बैराज से रविवार शाम सात बजे 75 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से यमुना में बाढ़ की आशंका है। वाटर वर्क्स पर रविवार शाम सात बजे नदी चेतावनी स्तर से एक फुट नीचे बह रही थी। न्यूनतम बाढ़ का चेतावनी स्तर 495 फीट है, जबकि यमुना का जलस्तर 494.30 फीट था। ऐसे में एहतियातन प्रशासन ने यमुना किनारे बसे 40 गांव में अलर्ट जारी किया है।
पहाड़ों पर लगातार बारिश से मथुरा और आगरा में यमुना उफान पर है। दिल्ली स्थित ओखला बैराज से यमुना में 28,091 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। सिंचाई बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार आगरा में वाटर वर्क्स पर पिछले 24 घंटे में यमुना के जलस्तर में 1.8 फीट की वृद्धि दर्ज की गई है। शनिवार शाम सात बजे यमुना का जलस्तर 492.5 फीट था, जो रविवार शाम सात बजे यह 494.30 फीट पहुंच गया।
बल्केश्वर स्थित अनुराग नहर में रविवार रात को यमुना का पानी घुस गया। हालांकि, आबादी क्षेत्र प्रभावित नहीं है, लेकिन खेत-खलिहान पानी में डूब गए हैं। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि तटवर्ती इलाकों में चेतावनी जारी की गई है।
डीएम के अनुसार यमुना में बढ़ते जलस्तर के कारण तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग नदी में नहाने न जाएं। बचाव व राहत के लिए बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। डीएम ने बताया कि सोमवार को यमुना के निचले इलाकों में राजस्व टीम से सर्वे कराया जाएगा। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण हैं। उधर, यमुना में बाढ़ से करीब 40 गांव की 50 हजार से अधिक आबादी प्रभावित होती है। रुनकता, अकबरा, सिकंदरा, बाईपुर, खासपुर से लेकर ताजमहल की डाउन स्ट्रीम में बसे गांव में यमुना में बढ़ते जलस्तर से अफरातफरी शुरू हो गई है।
15 साल पहले 499 फीट पहुंचा था जलस्तर
2010 में यमुना में बाढ़ आ गई थी। दयालबाग व आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया था। तब जलस्तर 499 फीट तक पहुंचा था। इसके अलावा 2023 में यमुना का जलस्तर 497 फीट तक पहुंच चुका है। तब, ताजमहल की दीवार तक पानी पहुंच गया था। इससे पहले 1978 में यमुना ने रौद्र रूप धारण किया था। तब यमुना का जलस्तर 508 फीट तक पहुंच गया था।