उत्तराखंड: देहरादून और हरिद्वार काउंटर मैग्नेट सिटी घोषित

इलाज, रोजगार, शिक्षा, खेल के लिए दिल्ली की दौड़ खत्म करने के मकसद से सरकार ने देहरादून और हरिद्वार को काउंटर मैग्नेट एरिया घोषित कर दिया है। इन दोनों जिलों में अब दिल्ली जैसी सुविधाएं मिलेंगी। रोजगार बढ़ेगा। पलायन रुकेगा। इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है।

अब एनसीआर प्लानिंग सेल का गठन किया जा रहा है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आबादी का दबाव कम करने के लिए एनसीआर की 400 किमी परिधि के शहरों को एनसीआर का काउंटर मैग्नेट सिटी बनाया जा रहा है। इन शहरों में दिल्ली जैसे ही सुख-सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं, जिससे उन शहरों के लोगों, युवाओं को अपनी जरूरतों के लिए दिल्ली की दौड़ न करनी पड़े।

इस कड़ी में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम 1985 की धारा 9-च के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर के देहरादून और हरिद्वार जिले को काउंटर मैग्नेट एरिया घोषित कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है।

कौन सा क्षेत्र होगा शामिल

-एमडीडीए देहरादून के अधीन आने वाला क्षेत्र। इसके तहत पूरा देहरादून जिला शामिल होगा।

-एचआरडीए हरिद्वार के अधीन आने वाला क्षेत्र। इसके तहत रुड़की समेत पूरा जिला शामिल होगा।

-राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण(सीडा) देहरादून का क्षेत्र, जिसमें औद्योगिक परिक्षेत्र आते हैं।

काउंटर मैग्नेट सिटी बनने से ये होगा बदलाव

सुविधाओं, रोजगार, इलाज के लिए दिल्ली जाने वालों को देहरादून और हरिद्वार में ही दिल्ली जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इन शहरों में सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा, रेलवे कनेक्टिविटी आदि आधारभूत सुविधाएं दिल्ली जैसी ही उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे। इनके लिए केंद्र सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड धनराशि उपलब्ध करवाते हैं। इसमें कुछ राशि कम ब्याज दर पर ऋण के रूप में मिलेगी। कुछ राशि मैचिंग ग्रांट के आधार पर अनुदान के रूप में मिलेगी। शहरों का व्यवस्थित विकास होने के साथ ही ऊंचे दर्जे का इन्फ्रास्ट्रक्चर मिलेगा।

देश में ये हैं काउंटर मैग्नेट सिटी

हिसार (हरियाणा), बरेली (उत्तर प्रदेश), कोटा (राजस्थान), पटियाला (पंजाब), ग्वालियर (मध्य प्रदेश) को काउंटर मैग्नेट सिटी घोषित किया जा चुका है। देश के करीब 36 शहर ऐसे हैं जो दिल्ली से 100 से 400 किलोमीटर की परिधि में हैं। दून, हरिद्वार के अलावा अब कुछ और शहरों हरियाणा के यमुनानगर, अंबाला, करनाल, पंजाब के बठिंडा, लुधियाना, राजस्थान में सीकर, अजमेर और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, इलाहाबाद को भी मैग्नेट सिटी घोषित करने की कवायद चल रही है।

इस आधार पर बने काउंटर मैग्नेट सिटी

काउंटर मैग्नेट सिटी बनाने के लिए कई मापदंड हैं। इनमें शहर का आकार और स्थिति, जनसंख्या वृद्धि, जनसंख्या घनत्व, उस शहर तक पहुंच, कोरिडोर में लोगों के आने-जाने का फ्लो आदि को ध्यान में रखा जाता है। फिर राज्य सरकार से सलाह के बाद ही किसी शहर को काउंटर मैग्नेट सिटी का दर्जा दिया जाता है। इसके विकास के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एनसीआर प्लानिंग बोर्ड मिलकर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए संसाधन उपलब्ध करवाते हैं।

सरकार ने देहरादून व हरिद्वार को काउंटर मैग्नेट सिटी घोषित कर दिया है। अब इस हिसाब से हम एनसीआर प्लानिंग सेल का गठन करने जा रहे हैं। एनसीआर बोर्ड के सामंजस्य से सभी काम होंगे। खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार समेत तमाम सुविधाएं दिल्ली की तर्ज पर यहीं उपलब्ध होंगी। -शालू थिंड, वरिष्ठ नगर एवं ग्राम नियोजक

Show More

Related Articles

Back to top button