कांग्रेस की 24 जुलाई से शुरू हो रही केदारनाथ धाम बचाओ पैदल यात्रा का पूर्व सीएम हरीश रावत ने समर्थन किया। कहा, जब तक भाजपा अपने इस अपराध के लिए माफी नहीं मांगती है तब तक केदारनाथ धाम बचाओ संघर्ष जारी रहना चाहिए।
हरीश रावत ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि केदारनाथ धाम बचाओ यात्रा में ऋषिकेश और अगस्त्यमुनि में भाग लूंगा। धाम और शंकराचार्यों के सम्मान को बचाने की लड़ाई अभी समाप्त नहीं हुई है। भाजपा में धाम बनाने की होड़ लगी है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और गणेश जोशी ने तो धाम बनाने का अपने पास कॉपीराइट समझ लिया था। उनके कंपटीशन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उतर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद के अपमान के लिए कई शंकराचार्य बना दिए।
केदारनाथ और बदरीनाथ धामों की जनता ने समय-समय पर भाजपा को फटकारा है। जिस दल ने अपने ऊपर शंकराचार्य बनाने का अधिकार अधिकृत कर लिया था, उस पार्टी ने धाम बनाने का भी अधिकार अपने पास मान लिया था। इसलिए दिल्ली में केदार मंदिर को केदारनाथ धाम घोषित कर दिया और उस पर सरकारी संतों से भी मुहर लगवा दी।
कभी-कभी रावत भी अच्छा निर्णय कर लेते
पूर्व सीएम हरीश रावत ने छात्र संघ चुनाव में छात्राओं को 50 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय को सराहा। कहा, रावत भी कभी-कभी अच्छा निर्णय कर लेते हैं। शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई निर्णय धरातल पर नहीं उतरा। लेकिन छात्राओं को आरक्षण का अच्छा निर्णय किया है। राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अच्छा कदम होगा।