‘चीन की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा ब्रिटेन’, MP और चुनाव आयोग पर ड्रैगन का साइबर अटैक

अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन पर भी चीनी साइबर अटैक हुआ है। चीन के साइबर संगठनों ने ब्रिटेन के मतदाता डेटा और सांसदों को टारगेट किया। हाउस ऑफ कॉमन्स में एक बयान में, सरकार ने खुलासा किया कि यूके के चुनाव आयोग पर साल 2021 और 2022 में हुए साइबर हमलों में चीनी सरकार से जुड़ी एपीटी31 की संलिप्तता पाई गई है।

ब्रिटेन के उप प्रधान मंत्री ओलिवर डाउडेन ने अपने बयान में बताया कि यूके के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र (एनसीएससी) ने जांच कर एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसके मुताबिक, 2021 और 2022 के बीच चीनी कंपनी द्वारा चुनाव आयोग के सिस्टम पर दो बार साइबर हमला किया गया।

2021 और 2022 के बीच हुआ था साइबर हमला

एनसीएससी का यह भी दावा है कि चीन सरकार से जुड़ी एपीटी31 ने 2021 में एक अभियान के दौरान ब्रिटिश सांसदों के खिलाफ टोही गतिविधि की थी। हालांकि, चीनी साइबर संगठन द्वारा किए हए साइबर हमले ब्रिटेन के लोकतंत्र और राजनीति में हस्तक्षेप करने में असफल रहे। इन साइबर हमलों को देखते हुए APT31 से जुड़े दो व्यक्तियों और एक कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

साइबर गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा ब्रिटेन

यूके के उप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन ने कहा, हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को निशाना बनाने वाली साइबर गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली और मूल्यों की रक्षा करना यूके सरकार के लिए एक पूर्ण प्राथमिकता है। हम चीनी सरकार को उसके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराते हुए इस गतिविधि को जारी रखेंगे।

डाउडेन ने कॉमन्स को बताया कि दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि ने चुनावी प्रक्रियाओं या यूके के मतदाताओं के अधिकारों या लोकतांत्रिक प्रक्रिया या चुनावी पंजीकरण तक पहुंच को प्रभावित नहीं किया है। चुनाव आयोग ने भविष्य में इसी तरह की गतिविधि के खिलाफ अपने सिस्टम को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं।

ब्रिटेन के लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने के ये प्रयास नहीं हुए सफल

विदेश सचिव डेविड कैमरन ने कहा कि यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है कि चीन राज्य-संबद्ध संगठनों ने हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं और राजनीतिक प्रक्रियाओं को निशाना बनाया है। हालांकि, ब्रिटेन के लोकतंत्र में हस्तक्षेप करने के ये प्रयास सफल नहीं हुए हैं, हम अपने सामने आने वाले खतरों के प्रति सतर्क और लचीले रहेंगे। उन्होंने इस मुद्दे को सीधे चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ उठाया है।

गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने कहा, ‘यह निंदनीय है कि चीन ने हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को निशाना बनाने की कोशिश की। जासूसी के चीन के प्रयासों से उन्हें वे परिणाम नहीं मिले जो वे चाहते थे। हमारे आगामी चुनाव, स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर, मजबूत और सुरक्षित हैं। यूनाइटेड किंगडम के लिए लोकतंत्र और कानून का शासन सर्वोपरि है। हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों और चुनावी प्रक्रियाओं को निशाना बनाना कभी भी चुनौती के बिना नहीं रहेगा।’

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