भारतीय टीम के पूर्व बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। साल 2000 में सौरव गांगुली की कप्तानी में डेब्यू करने वाले जहीर खान को क्रिकेट से इतना प्यार था कि उन्होंने इंजीनियरिंग को छोड़ क्रिकेट का मैदान चुन लिया। इंजीनियर में लोग अक्सर कुछ न कुछ नया बनाते या खोजते रहते हैं। जहीर ने भी ऐसा ही किया और उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में ‘नकल बॉल’ का आविष्कार किया।
गौरतलब हो कि बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान ने 2000 में भारत के लिए खेलना शुरु किया था। साल 2014 में उन्होंने अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। जहीर ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद 2 साल तक आईपीएल का हिस्सा रहे। इसके बाद भी वह आईपीएल से जुड़े रहे। अब वह युवा टैलेंट को निखारने का काम करते हैं।
नकल बॉल का किया इजाद
हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब जहीर खान क्रिकेट करियर खराब चल रहा था। साल 2004-05 में जहीर खान के करियर का खराब फेस चल रहा था। उस वक्त उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। इस दौरान वो इक खोज में निकल गए। जब वह क्रिकेट के मैदान पर वापस आए तो उनकी बॉलिंग में एक नयापन दिखा। उन्होंने बॉलिंग वेरिएशिन के तौर ‘नकल बॉल’ का इजाद किया।
2011 वर्ल्ड कप में निभाई अहम भूमिका
उस वक्त दुनिया ‘नकल बॉल’ से हैरान रह गई थी, लेकिन आज लगभग हर तेज गेंदबाज नकल बॉल करने की कोशिश करता है। जहीर खान साल 2003 और 2011 वनडे वर्ल्ड में भारतीय तेज गेंदबाजी की अगुआई की। जहीर खान ने 2011 वर्ल्ड कप में अहम भूमिका निभाई थी।