जर्मनी की सरकार ने अप्रैल 2024 तक 7 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों को खाली रहने और वर्ष 2035 तक 70 लाख स्किल्ड वर्कर्स की आवश्यकता को देखते हुए Opportunity Card ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ लॉन्च किया है। इसे भारतीयों समेत विभिन्न एशियाई देशों के लिए एक बेहतरीन अवसर माना जा रहा है। इसे प्राप्त करने के लिए 2 वर्ष की अवधि की वोकेशनल ट्रेनिंग या डिग्री उत्तीर्ण होना चाहिए।
जर्मनी में नौकरी की इच्छा रखने वाले इंजीनियरिंग, आइटी और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स के लिए काम की खबर। जर्मनी की सरकार ने ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ लॉन्च किया है, जो कि यूरोप के बाहर के देशों के नागरिकों को जर्मनी में रहने और एक साल तक जॉब सर्च करने का मौका देता है।
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ को भारतीयों समेत विभिन्न एशियाई देशों के लिए एक बेहतरीन अवसर माना जा रहा है क्योंकि भारत से काफी संख्या में स्टूडेंट्स पढ़ाई करने जाते हैं। इस मामले में भारत ने 2023 से पहले तक सबसे आगे रहे चीन को पछाड़ दिया है। ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ से न सिर्फ जर्मनी में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स बल्कि अन्य भारतीय पेशेवर भी जॉब कर सकते हैं।
इसलिए जर्मनी ने किया लॉन्च?
जर्मनी की सरकार द्वारा ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ लॉन्च किए जाने के पीछे मुख्य कारण है स्किल्ड वर्कर्स की कमी। खबरों के मुताबिक, जर्मनी को वर्ष 2035 तक 70 लाख स्किल्ड वर्कर्स की आवश्यकता होगी। इंडस्ट्री सेक्टर्स की बात करें तो सबसे अधिक नर्सिंग, फूड एवं बेवरेजेस कंपनियों और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से सम्बन्धित स्किल्ड वर्कर्स की जर्मनी में विशेष कमी है।
जर्मनी की फेडरल एम्प्लॉयमेंट एजेंसी की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2024 तक 7 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां खाली हैं। ऐसे में जर्मन सरकार की ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के माध्यम से स्किल्ड मैनपॉवर की कमी को दूर करने का लक्ष्य है।
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के लिए योग्यता
जर्मनी की सरकार द्वारा दिए जा रहे ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ को प्राप्त करने के लिए कैंडिडेट्स को कम से कम 2 वर्ष की अवधि की वोकेशनल ट्रेनिंग या प्रोफेशनल डिग्री उत्तीर्ण किया होना चाहिए। साथ ही, जर्मन या अंग्रेजी भाषा पर पकड़ होनी चाहिए। हालांकि, जर्मन भाषा का बेसिक ज्ञान (लेवल ए2) आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जर्मनी में एक साल रहने के लिए 12 हजार यूरो (लगभग 10 लाख) रुपये होने चाहिए।
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के फायदे
जर्मनी सरकार द्वारा दिए जा रहे ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ को पाने के बाद प्रोफेशनल्स इसके तहत अब बढ़ाई गई अवधि – 24 माह तक वहां रह सकेंगे। कुछ विशेष परिस्थितियों में इस अवधि को 2 और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में एक वर्ष जॉब सर्च कर के बाद अधिकतम 3 वर्ष तक रहा जा सकता है।
जर्मनी सरकार ने ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ स्कीम के अंतर्गत पार्ट टाइम नौकरी की सीमा को 10 घंटे से बढ़ाकर 20 घंटे कर दिया है। इससे प्रोफेशनल्स को जॉब सर्च करने में आसानी होगी।
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ दिए जाने में 40 वर्ष से कम आयु वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ प्राप्त करने के लिए अप्लीकेशन प्रॉसेस और जरूरी डॉक्यूमेंट्स की जानकारी के लिए जर्मन दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट, india.diplo.de पर विजिट कर सकते हैं।