लोकसभा चुनाव में उतरे कुल 162 उम्मीदवारों में से केवल 14 लोगों को ही जनता से स्वीकार किया। ऐसे में इनके अलावा बचे 148 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। दरअसल, दिल्ली में सबसे अधिक 62.89% मतदान पूर्वी दिल्ली सीट पर हुआ और नई दिल्ली सीट पर सबसे कम 55.43%।
नई दिल्ली लोकसभा सीट पर जमानत बचाने के लिए प्रत्याशियों को 1,40,891 वोट चाहिए थे। जबकि पूर्वी दिल्ली सीट पर 2,58,180 वोट जरूरी थे। चुनाव में प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए कुल मतदान का 1/6 हिस्सा चाहिए होता है। मतदान के दिन दिल्ली के 1,52,01,936 मतदाताओं में से केवल 58.69% यानी 89,23,536 लोगों ने ही अपने मत का इस्तेमाल किया।
सातों सीटों में से नई दिल्ली में सबसे कम 8.45 लाख मतदाताओं ने वोट दिया। यहां जमानत बचाने के लिए नियम के तहत 1,40,891 लाख वोट प्रत्याशी को चाहिए थे। नई दिल्ली लोकसभा सीट पर 17 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला था। इनमें से बांसुरी स्वराज और सोमनाथ भारती को 1.4 लाख से अधिक वोट मिले। बचे 15 उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई।
उत्तर-पूर्वी सीट पर थे 28 प्रत्याशी
सबसे अधिक मतदान पाने वाली उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर भी 24,63,159 मतदाताओं में से 15,49,80 ने मतदान किया था। ऐसे में इस सीट पर प्रत्याशियों को जमानत बचाने के लिए 2,58,180 वोट चाहिए थे। उत्तर-पूर्वी दिल्ली सीट पर 28 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें से मनोज तिवारी और कन्हैया कुमार के अलावा 26 मतदाताओं की जमानत राशि जब्त हो गई। बची पांच सीटों में भी केवल भाजपा और गठबंधन के प्रत्याशियों को छोड़कर सभी को जनता ने नकार दिया।
जमानत भी नहीं बचा पाए पूर्व मंत्री
दिल्ली के पूर्व समाज कल्याण मंत्री राज कुमार आनंद लोकसभा चुनाव में जमानत तक नहीं बचा पाए। वे नई दिल्ली लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े थे। चुनाव में उन्हें 5629 वोट मिले। यह कुल पड़े मत का केवल 0.66 फीसदी है। राजकुमार आनंद को चुनाव में डाक मत से 28 मत मिले, जबकि ईवीएम से 5601 वोट मिले। आनंद ने दिल्ली सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली से चुनाव लड़ने का फैसला किया था।