दिल्ली सरकार एक महीने के अंदर मोहल्ला बस योजना शुरू करने के लिए तैयार है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बस के स्वीकृत प्रोटोटाइप के निरीक्षण के लिए एक समिति का गठन किया है। यह योजना लगभग 2,180 नौ-मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसों को चलाने की है ताकि आस-पास या फीडर बस सेवाएं दी जा सकें। ये बसें सीमित सड़क चौड़ाई या ज्यादा भीड़ वाले क्षेत्रों को ध्यान में रखकर चलाई जाएंगी।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि बस के प्रोटोटाइप को मंजूरी दे दी गई है। एक अधिकारी ने कहा, “बस का निरीक्षण इस समय मानेसर में चल रहा है, जो केंद्रीय मोटर वाहन नियमों (सीएमवीआर) का पालन कर रहा है। मंत्री ने विभाग के विनिर्देशों के आधार पर बस की समीक्षा के लिए एक समिति भी बनाई है।”
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस निरीक्षण प्रक्रिया में लगभग पंद्रह दिन लगने की उम्मीद है और इसे 7 जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वीकृति मिलने के बाद, बसों को सड़कों पर एक सप्ताह का ट्रायल किया जाएगा।
समिति में डीआईएमटीएस, डीटीसी और परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। परीक्षण के बाद, उत्पादन क्षमता के आधार पर, मैन्युफेक्चरिंग कंपनी को आदेश दिए जाएंगे। बसों की शुरुआती बैच मिलते ही योजना शुरू कर दी जाएगी। बसों में ब्लू और ग्रीन कलर स्कीम होगी और उन पर ‘मोहल्ला बस’ लिखा होगा।
परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस साल मार्च के महीने में राजघाट बस डिपो में एक प्रोटोटाइप का निरीक्षण किया था और विधानसभा बजट सत्र में जाने के लिए इसमें यात्रा की थी। इसके जरिए उन्होंने दिल्ली के भीतर छोटे रूट्स के लिए बस के डिजाइन पर रोशनी डाली थी।
23 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाली ये बसें पहले और आखिरी मील की कनेक्टिविटी के लिए एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में काम करेंगी। इसके अलावा, 25 प्रतिशत सीटें गुलाबी रंग की होंगी, जो महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। महिलाओं को ‘पिंक पास’ के जरिए मुफ्त सवारी भी मिलेगी।
2025 के आखिर तक दिल्ली में 10,480 बसों का बेड़ा रखने का लक्ष्य है, जिनमें से 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें होंगी। जिससे शहर के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क में खासा इजाफा होगा।