दिल्ली में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर चुनाव आयोग का जोर

आपातकाल के बाद हुए इस चुनाव में दिल्ली में रिकाॅर्ड मतदान हुआ। पहली बार 71.3 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह आंकड़ा दिल्ली न तो इससे पहले के पांच संसदीय चुनावों में छू सकी थी और न ही बाद के 11 चुनाव में हुआ। 

दिल्ली में वोट प्रतिशत बढ़ाने में जुटा राज्य चुनाव आयोग 1977 के चुनाव को बेहद अहम मान रहा है। आपातकाल के बाद हुए इस चुनाव में दिल्ली में रिकाॅर्ड मतदान हुआ। पहली बार 71.3 प्रतिशत मतदान हुआ था। यह आंकड़ा दिल्ली न तो इससे पहले के पांच संसदीय चुनावों में छू सकी थी और न ही बाद के 11 चुनाव में हुआ। 

अधिकारियों का मानना है कि बेशक उस वक्त के सियासी हालात अलग रहे हों, लेकिन दिल्ली के मतदाताओं को जागरूक करके इस सीमा तक वोटिंग प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है।
दरअसल, आपातकाल के तुरंत बाद के चुनाव में दिल्ली वालों ने जमकर मतदान किया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस समय मतदाताओं के घर से अधिक निकलने के पीछे सत्ता परिवर्तन की बयार बह रही थी। साथ ही आपातकाल की ज्यादतियां, महंगाई, नसबंदी और भ्रष्टाचार जैसे कई प्रमुख मुद्दे भी थे। उस दौरान हुए आंदोलन में युवाओं ने जमकर भाग लिया। उत्साह ऐसा था कि चुनाव में रिकाॅर्ड तोड़ मतदान हुआ और अभी तक यह रिकाॅर्ड नहीं टूट सका है। 

चुनाव से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बैठक ली है। इसमें चुनाव आयुक्त ने मतदान केंद्रों पर सुविधाएं मुहैया कराने की त्रिस्तरीय रणनीति पर जोर दिया। इसमें मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाना, कतार प्रबंधन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पार्किंग की उचित व्यवस्था मुहैया कराना और आरडब्ल्यूए, स्थानीय हस्तियों और प्रभावशाली युवाओं की भागीदारी के जरिये जागरूकता बढ़ाना शामिल है। 

इसके साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने बूथ-वार कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। दिल्ली में मतदान फीसदी बढ़ाने को लेकर सभी जिला निर्वाचन अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस बार के चुनाव में दिल्ली के मतदाता रिकाॅर्ड तोड़ मतदान करेंगे।

चांदनी चौक लोकसभा सीट पर हुआ था सबसे ज्यादा मतदान
चांदनी चौक लोकसभा सीट पर हर लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान होता रहा है। यही कारण है कि दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों में सबसे ज्यादा मतदान फीसदी इसी सीट का है। वर्ष 1967 के चुनाव में यह सीट अस्तित्व में आई। इस दौरान हुए चुनाव में सबसे ज्यादा 68.79 मतदान प्रतिशत रहा था। अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में सिर्फ तीन चुनावों में यह सीट अन्य लोकसभा सीटों से मतदान फीसदी में पीछे रही है। इनमें 1996 के चुनाव में दिल्ली सदर लोकसभा सीट पर 60.24% मतदान रहा था, जबकि चांदनी चौक सीट पर 57.52% मतदान हुआ था। 

  • वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में नई दिल्ली लोकसभा सीट से चांदनी चौक लोकसभा सीट पर मतदान मात्र 0.5% कम रहा है। वहीं वर्ष 2019 के चुनाव में उत्तर पूर्वी लोकसभा सीट से मतदान 1.5% कम रहा है। आपातकाल के बाद 1977 के चुनाव में सबसे ज्यादा 82.98% मतदान हुआ था। इस सीट का यह आंकड़ा भी अभी तक नहीं टूट सका है।

यह है मतदान की स्थिति

  वर्ष    कुल मतदाता  मत पड़े     प्रतिशत
1962    1345360    918837    68.30
1967    1684714    1170743    69.49
1971    2016396    1314480    65.19
1977    2547064    1816372    71.31
1980    3069636    1991869    64.89
1984    3496781    2254869    64.48
1989    5702828    3096655    54.30
1991    6073156    2946714    48.52
1996    8058941    4079269    50.62
1998    8297622    4255606    51.29
1999    8712530    3793697    43.54
2004    8763475    4126443    47.09
2009    11096854    5753050    51.84
2014    12711164    8275146    65.10
2019    14327649    8682366    60.60

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