
अक्सर हममें से कई लोगों को कभी-कभी दिल की धड़कन तेज होती हुई या सीने में घबराहट महसूस होती है। तनाव या ज्यादा शारीरिक मेहनत के बाद ऐसा होना सामान्य है। लेकिन अगर यह अनुभव बार-बार हो, बिना किसी स्पष्ट कारण के हो, या इसके साथ अन्य लक्षण भी दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
यह एरिथमिया नामक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का लक्षण हो सकता है। एरिथमिया का मतलब है दिल की धड़कन का अनियमित होना या तो बहुत तेज, बहुत धीमी, या बेतरतीब होना। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपके दिल के काम करने के तरीके में कोई समस्या है, जिसके लिए तुरंत डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है।
एरिथमिया क्या है और यह क्यों होता है?
अनियमित दिल की धड़कन की समस्या को मेडिकल की भाषा में एरिथमिया के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में आपका दिल बहुत तेजी से, बहुत धीरे या बेतरतीब ढंग से धड़क सकता है। वैसे तो शारीरिक मेहनत के बाद दिल की धड़कन का बढ़ना या आराम के समय इसका धीमा होना सामान्य बात है, लेकिन अगर यह अक्सर बिना किसी कारण के हो तो यह एक समस्या का संकेत हो सकता है।
एरिथमिया की समस्या के कारण कार्डियक अरेस्ट जैसे जानलेवा जोखिम का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना बहुत जरूरी है। दिल की धड़कन का असामान्य होना इस बात का संकेत हो सकता है कि दिल को पर्याप्त रक्त नहीं मिल रहा है या दिल की संरचना में कोई समस्या है। कई बार यह तनाव, कैफीन, शराब, धूम्रपान या कुछ खास दवाओं के कारण भी हो सकता है, लेकिन अगर यह बार-बार हो तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
एरिथमिया के कुछ सबसे आम और आसानी से पहचाने जाने वाले लक्षण हैं दिल की धड़कन का तेज होना या सीने में बेचैनी महसूस होना। दिल की धड़कन सामान्य से तेज (टैकीकार्डिया), सामान्य से धीमी (ब्रेडीकार्डिया), या अनियमित हो सकती है। आपको लग सकता है कि आपका दिल बहुत तेजी से धड़क रहा है, रुक-रुक कर धड़क रहा है या सीने में फड़फड़ाहट महसूस हो रही है।
इसके अलावा, सीने में दर्द या बेचैनी भी महसूस हो सकती है, जो हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकती है। अनियमित धड़कन के कारण दिल कुशलतापूर्वक रक्त पंप नहीं कर पाता, जिससे फेफड़ों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती और सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है।
कमजोरी और चक्कर आना
एरिथमिया के कुछ अन्य लक्षण भी होते हैं जिन्हें अक्सर लोग सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इनमें अचानक चक्कर आना या सिर घूमना शामिल है। यह तब होता है जब अनियमित धड़कन के कारण मस्तिष्क तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता।
कुछ गंभीर मामलों में तो व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। इसके साथ ही, शरीर में ऊर्जा की कमी के कारण लगातार कमजोरी और थकान महसूस होना भी इसका एक लक्षण है। यदि आप बिना किसी कारण के अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं, तो यह दिल की धड़कन में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
सावधानियां
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण बार-बार महसूस होते हैं, तो उन्हें बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। यह आपके दिल की सेहत के लिए एक गंभीर चेतावनी हो सकती है। सबसे पहला और जरूरी कदम है किसी डॉक्टर या कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लेना। डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे और ईसीजी या अन्य परीक्षणों के माध्यम से समस्या का पता लगा सकते हैं।
एरिथमिया को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है, जैसे- तनाव को कम करना और पौष्टिक चीजों को अपने खानपान में शामिल करना। इसके साध ही डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का सेवन करना जरूरी है। समय पर पहचान और सही इलाज से एरिथमिया को नियंत्रित किया जा सकता है और दिल के दौरे या स्ट्रोक जैसे गंभीर जोखिमों से बचा जा सकता है।