पाकिस्तान में मंगलवार देर रात सरकार बनाने के लिए नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी के बीच समझौता हो गया। समझौते के तहत नवाज शरीफ की पार्टी के प्रमुख शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री बनेंगे जबकि बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी एक बार फिर से राष्ट्रपति बनेंगे। इस आशय की घोषणा दोनों पार्टियों की संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस में की गई।
इस मौके पर शहबाज शरीफ ने कहा, यह काटों भरी राह पर चलने की जिम्मेदारी मिलने का मौका है। इस राह पर चलकर हमें पाकिस्तान को बचाना है। पाकिस्तान को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करना है। उन्होंने इस राह पर चलने में सबका सहयोग मांगा। पाकिस्तान में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन (पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज) और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) के बीच सरकार बनाने के लिए सहमति तो बन गई थी लेकिन सत्ता में साझेदारी पर बात नहीं बन पा रही थी।
पांच चरणों की वार्ता के बाद मंगलवार रात आखिर दोनों दलों में गतिरोध वाले बिंदुओं पर सहमति बन गई। पाकिस्तान में चुनाव के 12 दिन गुजर चुके थे लेकिन सरकार गठन को लेकर कोई तारीख निश्चित नहीं हो पाई थी। इस बीच धांधली का आरोप लगाकर इमरान खान की पार्टी पीटीआइ और कुछ अन्य दलों के विरोध प्रदर्शन जारी हैं। पीटीआइ ने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस्तीफा देने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनाव धांधली से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई भी शुरू हो चुकी है। 29 फरवरी से शुरू होने वाले नेशनल असेंबली के सत्र में 133 सदस्यों के समर्थन वाला गठबंधन ही सरकार बना सकेगा। सबसे बड़े दल के रूप में पीएमएल एन सरकार बनाने के दावे के साथ सबसे आगे है और उसने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
नेशनल असेंबली की 75 सीटों पर जीते पीएमएल एन के साथ कई निर्दलीय भी आ गए हैं। इनके अतिरिक्त उसे 54 सदस्यों वाली पीपीपी और 17 सदस्यों वाली एमक्यूएम का समर्थन भी प्राप्त है। ऐसे में माना जा रहा है कि शहबाज शरीफ को नेशनल असेंबली में बहुमत साबित करने में कठिनाई नहीं होगी।