महाराष्ट्र के सतारा जिले में प्रशासन ने शनिवार को महाबलेश्वर में उस रिसॉर्ट में अवैध निर्माण को ढहा दिया, जिसका स्वामित्व पुणे पोर्शे दुर्घटना में कथित रूप से शामिल किशोर के परिवार के पास है। जिले के अधिकारियों ने महाबलेश्वर में परिवार के स्वामित्व वाले एमपीजी क्लब में अनधिकृत निर्माण को बुलडोजर से गिरा दिया।
पुणे में 19 मई को एक पोर्शे कार ने मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। पुलिस ने दावा किया है कि किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था। यह दुर्घटना तब राष्ट्रीय सुर्खियों में आई, जब किशोर को बचाने के लिए काफी प्रयास किए गए।
फलस्वरूप उसके पिता और दादा सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाने कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सतारा के जिलाधिकारी जितेंद्र डूडी को आदेश दिया था कि अगर रिसॉर्ट अवैध पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
अधिकारी ने बताया कि प्रशासन ने पिछले सप्ताह इस रिसॉर्ट को सील कर दिया था। किशोर के दादा को परिवार के ड्राइवर का अपहरण कर उसे दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने के लिए मजबूर करने के आरोप में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। उसके पिता और माता रक्त के नमूनों की अदला-बदली में कथित संलिप्तता के कारण जेल में हैं।