पटनाः राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के असंतुष्ट नेता अशफाक करीम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) में शामिल हो गए और उन्होंने राजद पर ‘‘मुसलमानों के साथ भेदभाव” करने का आरोप लगाया। अशफाक करीम को इस साल मार्च में राजद ने राज्यसभा के दूसरे कार्यकाल से वंचित कर दिया गया था और कटिहार से लोकसभा टिकट पाने की उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया।
करीम को जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा की उपस्थिति में पार्टी में शामिल किया गया। इस मौके पर पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। शुक्रवार देर रात राजद छोड़ने वाले करीम ने पत्रकारों से बात करते हुए अफसोस जताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में राजद द्वारा सार्वजनिक की गई 22 उम्मीदवारों की सूची में ‘‘केवल दो” मुसलमानों के नाम शामिल हैं।
करीम ने कहा, ‘‘जब जाति सर्वेक्षण के नतीजे सामने आए तो समाज के सभी वर्गों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व देने का राजद का वादा बहुत बड़ा धोखा था।” ऐसी चर्चा है कि करीम को लालू प्रसाद ने कटिहार से राजद के टिकट का आश्वासन दिया था, लेकिन यह सीट सहयोगी कांग्रेस के पास चली गई, जिसने पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर को मैदान में उतारा है। बिहार के मंत्री और जदयू की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि करीम ‘‘हमारी समता पार्टी के दिनों से हमारे साथ थे” और उनके लिए यह “घर वापसी” जैसा है। चौधरी ने कहा कि करीम का जदयू में शामिल होना इस बात का ‘‘प्रमाण है कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के साथ हमारे पुराने गठबंधन के बावजूद, हमारे नेता नीतीश कुमार पर अल्पसंख्यकों को कितना भरोसा हैं।”
चौधरी ने कहा, “बिहार के मुसलमान कांग्रेस शासन के दौरान हुए भागलपुर दंगों के कई आरोपियों को बचाने की लालू प्रसाद की कोशिशों को कभी नहीं भूल सकते। नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद ही दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा गया।” संजय झा ने कहा कि करीम के जद (यू) में प्रवेश से लोकसभा चुनाव में मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में राजग की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।