
पहलगाम आतंकी हमले के बाद अमेरिका, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की कोशिशों में जुट गया है। इसके मद्देनजर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर से फोन पर बात की।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भारत और पाकिस्तान दोनों से तनाव कम करने का आग्रह किया है। शहबाज और जयशंकर से अलग-अलग बातचीत के बाद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है।
क्या है अमेरिका का रुख?
इसमें कहा गया है कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ाई में भारत का समर्थन करता है और पाकिस्तान से पहलगाम हमले की जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है। उधर, इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि प्रधानमंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री को दक्षिण एशिया के हालिया घटनाक्रमों पर पाकिस्तानी दृष्टिकोण से अवगत कराया।
पाकिस्तान ने भारत की ओर से सिंधु जल समझौता रद करने का मुद्दा उठाया और कहा कि यह 24 करोड़ लोगों की जीवनरेखा है और इसमें एकतरफा रूप से पीछे हटने का कोई प्रावधान नहीं है।
अमेरिका ने की जांच की मांग
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका विदेश मंत्री ने बातचीत के दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में पाकिस्तान के उल्लेखनीय योगदान को रेखांकित किया। रुबियो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से कहा कि वे तनाव कम करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करें।
इससे पहले की थी पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री से बात
बुधवार को ही अमेरिकी प्रतिनिधि नटाली बेकर ने भी दोनों देशों के बीच तनाव घटाने के प्रयासों के तहत पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री व विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात की थी। इस बीच, रिपब्लिकन पार्टी के अमेरिकी सांसद रिच मैक्कार्मिक ने वाशिंगटन में पहलगाम हमले की निंदा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया है।
कश्मीर फाइल्स देखने की सलाह
रिच मैक्कार्मिक ने कहा कि अमेरिका निर्दोष लोगों के विरुद्ध इस तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं कर सकता। कश्मीर का इतिहास समझने के लिए उन्होंने फिल्म कश्मीर फाइल्स देखने की सलाह भी दी।
रूबियो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से कहा कि वे तनाव कम करने, सीधे संवाद बहाल करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करें।