प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो संभल दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले इंदिरा गांधी भी पीएम रहते हुए संभल दौरे पर आ चुकीं हैं। इंदिरा गांधी 1977 में विधानसभा चुनाव के दौरान संभल में हसनपुर मार्ग पर एक सभा में आई थीं। जहां वर्तमान में मंडी समिति बनी हुई है। कांग्रेस प्रत्याशी शरितुल्ला के लिए चुनावी जनसभा की थी।
हालांकि उस समय संभल मुरादाबाद जिले की तहसील हुआ करता था। वर्तमान में संभल जिला है और गांव ऐंचोड़ा कंबोह संभल की सदर तहसील का हिस्सा है। 47 वर्ष बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा तय हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्री कल्कि धाम का शिलान्यास करने के लिए आ रहे हैं लेकिन वह चुनावी समा भी मंच से बांध सकते हैं।
कांग्रेस के पूर्व विधायक शरियतुल्ला ने बताया कि वह 1977 में कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में थे। जनसभा के लिए इंदिरा गांधी आई थीं। हालांकि उस समय कुछ मतों के अंतर से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क जीत गए थे।
दो बार संभल आ चुके हैं मोदी
मोदी का एक दौरा संभल तहसील और दूसरा दौरा चंदौसी तहसील में हो चुका है। हालांकि उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। संभल के कुरुक्षेत्र के मैदान में वर्ष 2005 में नरेंद्र मोदी आए थे। इसके बाद वर्ष 2009 में स्टार प्रचारक के रूप में चंदौसी में भाजपा प्रत्याशी के लिए जनसभा की थी। प्रधानमंत्री रहते हुए यह उनका पहला दौरा है।
राजीव गांधी भी आए थे संभल
संभल सियासी लिहाज से हमेशा से चर्चा में रहा है। वर्ष 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का दौरा भी हुआ था। वह चुनावी सभा करने के लिए संभल के मुरादाबाद मार्ग पर स्थित बिजलीघर के सामने के मैदान पर आए थे। तब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने थे।
कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव शांति देवी यादव लड़ रहीं थीं और विधानसभा के लिए शरियतुल्ला चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि दोनों ही प्रत्याशी हार गए थे। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव में जनसभा करने के लिए संभल आए थे।
उनकी जनसभा चंदौसी मार्ग स्थित करुक्षेत्र के मैदान में हुई थी। राष्ट्रीय परिवर्तन दल के प्रत्याशी डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क के लिए जनसभा की थी। इस चुनाव में डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क को हार का सामना करना पड़ा था।