गोरखपुर में नकली स्टांप के सिंडिकेट का भंडाफोड़ होने के बाद स्टांप व पंजीयन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। विभाग ने प्रदेश में 50 हजार रुपये से ऊपर वाले सभी स्टांप पेपरों की जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे स्टांप पेपरों की संख्या लाखों में है। साथ ही अब हर जिले में डीएम, एडीएम और डीआईजी ( स्टांप) स्टांप पेपरों की रैंडम जांच करेंगे।
गोरखपुर में 52 हजार रुपये का नकली स्टांप मिलने के बाद स्टांप विभाग ने एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की तह तक जाने के लिए एसआईटी जांच की संस्तुति की गई थी। इसी जांच के बाद खुलासा हुआ कि 84 साल का कमरुद्दीन गैंग का सरगना है। इस शख्स ने फर्जी स्टांप छापना अपने ससुर से सीखा था। फिर इस गोरखधंधे में उसने अपने नाती को भी साथ ले लिया। गैर न्यायिक स्टाम्प/न्यायिक स्टाम्प के 1000, 5000, 10000, 20000 व 25000 के स्टाम्प, एक लैपटॉप, प्रिन्टिंग व स्कैनर मशीन, स्टाम्प व करेंसी नोट छापने के लिए विभिन्न कम्पनियों की 100 पैकेट इंक, पेपर कटर मशीन आदि बरामद किए गए थे। गौरतलब है कि 90 के दशक में हुए फर्जी स्टांप घोटाले के मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी ने हलचल मचा दी थी।
पहली बार स्टांप पेपरों की रैंडम जांच
फर्जीवाड़े का रैकेट पूरी तरह खत्म करने के लिए सरकार ने नई योजना बनाई है। इसके तहत अब स्टांप पेपरों की रैंडम जांच होगी। डीएम, एडीएम और डीआईजी स्टांप के लिए हर महीने की जांच का टारगेट तय कर दिया गया है। अब प्रत्येक माह डीएम पांच, एडीएम 25 और डीआईजी 50 स्टांप पेपरों की जांच करेंगे। इसमें स्टांप मूल्य के साथ-साथ फिजिकल वैरिफिकेशन किया जाएगा कि स्टांप कहीं नकली तो नहीं हैं।
सरकार की नीति जीरो टालरेंस की
फर्जीवाड़ा, भ्रष्टाचार और सभी गैरकानूनी गतिविधियों को लेकर सरकार की नीति जीरो टालरेंस की है। नकली स्टांप का एक मामला सामने आने के बाद विभाग ने ही एफआईआर कराकर एसआईटी जांच की संस्तुति की थी। अब प्रदेश में 50 हजार से ऊपर के सभी स्टांप पेपरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। -रवीन्द्न जायसवाल, स्टांप एवं पंजीयन मंत्री