पावर कॉरपोरेशन ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के कनेक्शन जोड़ने व काटने का शुल्क 50 रुपया लेने के मामले में विद्युत नियामक आयोग में जवाब दाखिल कर दिया है। उपभोक्ता परिषद ने इस शुल्क को गैरकानूनी बताया है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि मैसेज और कनेक्शन काटने व जोड़ने के नाम पर बिजली निगमों ने अब हर माह 4.40 करोड़ रुपया उपभोक्ताओं से कमाने की रणनीति अपनाई है।
दरअसल, बिजली निगमों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बैलेंस खत्म होने के बाद आपूर्ति काटने के लिए भेजे जाने वाले एसएमएस का 10 रुपया प्रति मैसेज चार्ज और कनेक्शन जोड़ने व काटने का शुल्क 50 हर बार लेने का प्रस्ताव दिया था। इस पर उपभोक्ता परिषद की आपत्ति के बाद नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से जवाब मांगा था। इसके जवाब में कॉरपोरेशन ने तर्क दिया है कि सरकारी उपक्रम, बैंक व वित्तीय संस्थान भी एसएमएस का चार्ज लेते हैं।
इस पर आपत्ति जताते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कनेक्शन जोड़ने व काटने का शुल्क शून्य होना चाहिए। क्योंकि प्रत्येक माह सभी निगमों में लगभग 3.50 लाख कनेक्शन बकाये पर काटे जाते हैं। भविष्य में यह संख्या बढ़नी तय है। इस तरह बिजली निगमों ने उपभोक्ताओं से हर माह 4.40 करोड़ रुपया कमाने की रणनीति बनाई है।