यूपी में BJP ने 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए तैयार की अपनी टीम

 उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने उपचुनाव के लिए टीम तैयार कर ली है। आज से इस टीम के सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में उतर जाएंगे। ये सभी करीब एक सप्ताह रहकर पूरी विधानसभा का सर्वे करेंगे। इसके बाद वह अपनी रिपोर्ट भाजपा प्रदेश मुख्यालय को सौपेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी चुनावी तैयारी की रणनीति तैयार करेगी।

मंत्रियों और पदाधिकारियों को दी जिम्मेदारी  
बता दें कि भाजपा उपचुनाव लड़ने के लिए दस क्लस्टर के हिसाब से अपनी रणनीति बना रही है। दस क्लस्टर में दो से तीन मंत्रियों के साथ एक से दो भाजपा पदाधिकारियों की टीम भी लगाई गई है। जिन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। कानपुर की सीसामऊ सीट पर वित्त मं‌त्री सुरेश खन्ना के साथ आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गई है। उनके साथ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मानवेंद्र सिंह को जिम्मा दिया गया है। इसी तरह जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और आशीष पटेल के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह को कटेहरी विधानसभा में लगाया गया है।

विधानसभा में बूथ तक संगठन का ढांचा समझेंगी टीम
इसी तरह दूसरे मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिनमें एमएलसी अवनीश सिंह को मिल्कीपुर, विधायक भूपेश चौबे को मझवां की जिम्मेदारी दी गई है। सभी क्लस्टर में इसी तरह से मंत्रियों के साथ पदाधिकारियों को लगाया गया है। बताया जा रहा है कि उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में मंत्री और पदाधिकारी एक सप्ताह तक एक-एक पदाधिकारी से बात करेंगे। इस दौरान पहले वह विधानसभा में बूथ तक का संगठन का ढांचा समझेंगे। जहां संगठन कमजोर है, वहां की रिपोर्ट तैयार करके वह प्रदेश मुख्यालय को देंगे।

धार्मिक गुरुओं, मठ-मंदिरों के महंतों से भी मिलेगी बीजेपी की टीम
बीजेपी की टीम अपने- अपने क्षेत्र के प्रमुख लोगों और जातीय नेताओं के साथ बैठकर वहां की सोशल इंजीनियरिंग भी समझेंगे। एक-एक बूथ के जातीय गणित की भी वह रिपोर्ट बनाएंगे। इसके अलावा विधानसभा में आने वाले स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ के साथ भी बैठक करेंगे और स्थानीय धार्मिक गुरुओं के साथ मठ-मंदिरों के महंतों से भी मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी के मंत्री और पदाधिकारी संभावित दावेदारों की भी रिपोर्ट तैयार करेंगे। यह रिपोर्ट तैयार करेंगे कि कौन से दावेदार की कितनी लोकप्रियता है और उसके पास कितने संसाधन हैं।   

Show More

Related Articles

Back to top button