यूपी: सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस एक हफ्ते में 20,000 वाहनों पर लगाया जुर्माना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी और निजी वाहनों में प्रेशर हॉर्न और हूटर के इस्तेमाल पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है, जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने सप्ताह भर के अभियान के दौरान अब तक 20,000 वाहनों पर जुर्माना लगाया है। मुख्यमंत्री द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद से राज्य भर में पुलिस ने 2.75 लाख वाहनों की जांच की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वाहनों में हूटर और प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करने के लिए 3,900 वाहनों पर मामला दर्ज किया गया। अन्य मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार के पुलिस रंग और प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल करना शामिल है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 1.3 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला।

‘प्रेशर हॉर्न के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू किया गया’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्यव्यापी प्रतिबंध को लागू करने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला और राज्य स्तर पर यातायात पुलिस ने आदेश के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक योजना तैयार की है। यातायात निदेशालय के अतिरिक्त महानिदेशक बी.डी. पॉलसन ने कहा कि प्रेशर हॉर्न के खिलाफ एक महीने का अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला पुलिस प्रमुख और आयुक्त आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। अभियान के तहत वाहनों में टिंटेड खिड़कियों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई जाएगी। लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि अभियान के तहत हॉर्न और हूटर की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया जाएगा।

नीली बत्ती और हूटर सायरन हटाने के साथ-साथ काटा गया वाहनों का चालान
एक यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा कि नीली बत्ती और हूटर सायरन का इस्तेमाल करने वाले 1,718 वाहनों की जांच करते समय 315 वाहनों से हूटर सायरन और प्रेशर हॉर्न हटाने को कहा गया। उनका चालान भी काटा गया और 44,500 रुपये का शमन शुल्क वसूला गया। पुलिस के रंग का इस्तेमाल करने वाले 2,178 वाहनों की जांच के दौरान 346 कारों पर अंकित पुलिस के रंग और विभागों के नाम हटाए गए। इसके अलावा चालान काटते समय 65,500 रुपये का तत्काल शमन शुल्क वसूला गया। इसी तरह 244 वाहनों से उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार (अनुबंधित वाहनों को छोड़कर) की प्लेट और स्टिकर हटाए गए और चालान काटते समय 47,400 रुपये का शुल्क वसूला गया।

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