रोड सेफ्टी ऑडिट के लिए IIT इंजीनियर्स को दी जाएगी ट्रेनिंग, बड़ी संख्या में खुलेंगे ड्राइविंग स्कूल

देशभर में सड़क हादसे और उनमें मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए केंद्र सरकार आईआईटी के इंजीनियर की मदद लेगी। इसके तहत विभिन्न आईआईटी के इंजीनियर को विशेष प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाएगा।

फिर वे एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे का रोड सेफ्टी ऑडिट कर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को सुझाव देंगे। इससे एक्सप्रेस-वे और नेशनल हाईवे के ब्लैक स्पॉट का होगा निस्तारण होगा।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को ताज होटल पैलेस में आयोजित इंजरी प्रिवेंशन और सेफ्टी प्रमोशन (सेफ्टी 2024) वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में पहुंचे थे। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन और द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की तरफ से आयोजित कॉन्फ्रेंस में पांच वर्षों के लिए ‘भारत में सड़क सुरक्षा के लिए आम सहमति ’ पर जानकारी दी।

गडकरी ने कहा कि भारत में चालकों को बेहतर प्रशिक्षण देने की जरूरत है। इसके लिए बड़ी संख्या में ड्राइविंग स्कूल खोले जाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रोड इंजीनियरिंग के तहत रोड सेफ्टी ऑडिट शुरू कर दिया गया है। इसके तहत अभी तक 40 हजार करोड़ ब्लैक स्पॉट की पहचान कर उनमें सुधार किया गया है।

कान्फ्रेंस के आखिरी दिन नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद के पाल ने कहा कि भारत सरकार आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से करीब 18 करोड़ परिवारों को कवर करती है। देश में औसतन प्रतिदिन 1,264 दुर्घटनाएं और 462 मौतें होती हैं।

क्‍या कहते है आंकड़े

  • 461,312 सड़क हादसे हुए।
  • 168,491 लोगों की गई जान।
  • 443,366 लोग घायल हुए।

(नोट: यह डाटा साल 2022 का है)

दोपहिया वाहन निर्माता छूट पर हेलमेट उपलब्ध कराएं

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दोपहिया वाहन निर्माताओं को वाहन खरीदने वालों को छूट या उचित दर पर हेलमेट उपलब्ध कराना चाहिए क्योंकि हेलमेट न पहनने के कारण सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है। गडकरी ने कहा कि 2022 में देश में दुर्घटनाओं में 50,029 लोगों की जान चली गई, जब उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था।

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