ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार शाम बारिश के दौरान शहीद पथ किनारे स्थित एक इमारत (हरमिलाप टावर) भरभराकर जमींदोज हो गया। हादसे में एक कारोबारी समेत आठ की मौत हो गई। मलबे में दबे 20 से अधिक लोगों को निकालकर अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनका इलाज जारी है। मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं।
आशियाना निवासी राकेश सिंघल का हरमिलाप ( ग्राउंड प्लस 2) टावर था। टावर के ग्राउंड फ्लोर पर आशियाना निवासी जसमीत साहनी (45) का मोबिल ऑयल और दूसरी मंजिल पर दवा का गोदाम था। पहली मंजिल पर मनचंदा का गिफ्ट सेंटर का गोदाम था।
शनिवार दोपहर तकरीबन साढ़े तीन बजे तेज बारिश शुरू हुई। करीब आधे घंटे बाद अचानक पूरी बिल्डिंग ढह गई। आसपास भगदड़ मच गई। सबसे पहले पुलिस मौके पर पहुंची। फिर दमकल और उसके बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पहुंची टीमों ने राहत-बचाव शुरू किया। एक-एक कर 30 लोगों को निकाला गया। इसमें से कारोबारी जसमीत, पंकज, धीरेंद्र उर्फ धीरज व दो अन्य की मौत हो गई। अन्य घायलों का इलाज जारी है।
अब तक मरने वालों के नाम
1.मनजीत सिंह शहानी
2. धीरज
3.पंकज
4.अरुण
5. राम किशोर
6. राजेश कुमार
7. रुद्र यादव
8. जगरूप सिंह
25 घायलों का इलाज जारी है। इनमें से पांच को ट्राॅमा सेंटर रेफर किया गया है। इन सभी की हालत नाजुक बनी हुई है। बिल्डिंग में काम करने वाले लोगों के अनुसार अभी भी तमाम लोग फंसे हैं। इसलिए कई अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
कंटेनर चालक की बाल-बाल बची जान
हादसे के वक्त एक कंटेनर से दवाओं की खेप उतारकर गोदाम पहुंचाई जा रही थी। कंटेनर चालक राकेश कंटेनर की ड्राइविंग सीट पर बैठे थे। ट्रक का आधे से अधिक हिस्सा बिल्डिंग के भीतर था। बिल्डिंग ढहते ही कंटेनर का आधे से अधिक हिस्सा मलबे में दब गया। हर तरफ धूल का गुबार छा गया। राकेश केबिन का दरवाजा कूदकर भाग गए। बमुश्किल उनकी जान बची।
एनडीआरएफ और एसडीआरफ के लोग मौके पर मौजूद हैं। राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है। सीएम स्वयं इसकी सीधी जानकारी ले रहे हैं।
अब तक जो घायल निकाले गए उनमें एक किशोरी व एक किशोर भी हैं। कुछ लोगों ने बताया कि दोनों भाई बहन हैं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। अंदेशा है कि गोदाम में काम करने वाले किसी शख्स के ये बच्चे होंगे। दूसरी आशंका है कि शायद बिल्डिंग के पास हादसे के वक्त दोनों मौजूद थे जो चपेट में आ गए। फिलहाल प्रशासन दोनों की पहचान करने का प्रयास कर रहा है।
टावर का जरा सा हिस्सा बचा
टावर का करीब 90 फीसदी हिस्सा जमींदोज हुआ है। एक हिस्सा अभी भी खड़ा है। जिसका छज्जा और सीढ़ी दायीं तरफ लटक रहा है। इससे रेस्क्यू करने में भी खतरा है। एहतियात बरतते हुए रेस्क्यू टीमें मलबा हटाकर लोगों को निकालने में जुटी रहीं।
हटाया जा रहा है मलबा
घटना के बाद कई जेसीबी मशीनें वहां पहुंच गई हैं। जिसने मलबा हटाया जा रहा है।
बचाव कार्य जारी
घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे का तत्काल संज्ञान लिया। सीएम प्रशासन को निर्देशित किया तत्काल राहत बचाव काम में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ लगाया जाएगा। अफसरों को भी मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
राजनाथ सिंह ने की डीएम से बात
लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में बारिश के कारण तीन मंजिला इमारत के ढहने से हादसे में हुई मौत और कुछ लोगों के मलबे में दबकर घायल होने की जानकारी मिलने पर लखनऊ सांसद एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ जिला अधिकारी सूर्यपाल गंगवार से फोन पर वार्ता करके हादसे की जानकारी ली और घायलों को तत्काल समुचित उपचार प्रदान करने के निर्देश दिये।
ये है घायलों की सूची
राजेंद्र (25),
भानु सिंह (22)
शत्रुघ्न सिंह (60)
शिव मोहन (38)
प्रवीणा (30)
शांति देवी (65)
आदर्श यादव (10)
काजल यादव (14)
आकाश कुमार (28)
आकाश सिंह (24)
विनोद यादव (45)
आदित्य (21)
आकाश कुमार (19)
अनूप कुमार मौर्य (40)
बहादुर (55)
ओम प्रकाश (25)
हेमंत पांडेय (35)
सुनील (28)
दीपक कुमार (28)
विनीत कश्यप (28)
लक्ष्मी शंकर (25)
अतुल राजपूत (25)
नीरज (35)
एक अज्ञात