सीएम नीतीश कुमार दिल्ली जा रहे, पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ घंटे में दिल्ली रवाना हो रहे हैं। पिछले महीने की 28 तारीख को भारतीय जनता पार्टी के साथ सीएम नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड ने मिलकर बिहार में 2020 के जनादेश की वापसी बताते हुए सरकार बनाई है। इस लिहाज से राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार की वापसी होने के बाद पीएम से नीतीश की यह औपचारिक मुलाकात होगी।

विपक्षी एकता के सूत्रधार की वापसी
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा के साथ सरकार बनाने का जनादेश लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कमान संभाली थी, लेकिन बीच में उन्होंने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का दामन थाम लिया था। राजद के साथ महागठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीनों बाद सीएम नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ देशभर के भाजपा-विरोधी दलों का जुटान शुरू किया था। 23 जून को उन्होंने पटना में विपक्षी एकता की पहली बैठक कराई थी। उन्हें विपक्षी एकता का सूत्रधार कहा जा रहा था, लेकिन फिर अचानक महागठबंधन की परिस्थितियों को असामान्य बताते हुए नीतीश कुमार ने घर वापसी की तरह भाजपा के कमल में रंग भर दिया। बिहार में 28 जनवरी को वापस एनडीए की सरकार ने शपथ ली।

जदयू अध्यक्ष भी हैं नीतीश, मायने समझें
मुख्यमंत्री होने के साथ नीतीश कुमार अब औपचारिक तौर पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। जदयू अध्यक्ष बनने के पहले और बाद भी वह महागठबंधन और इंडी एलायंस में सीट शेयरिंग को लेकर सबसे ज्यादा बोल रहे थे। दस दिन पहले घर वापसी के बाद उन्होंने बतौर पार्टी अध्यक्ष यहां सीट बंटवारे पर कोई बात नहीं की है। ऐसे में भले ही बुधवार को दिल्ली में पीएम मोदी से उनकी मुलाकात सरकार गठन के बाद औपचारिकता होगी, लेकिन लोकसभा चुनाव, बिहार में सीट शेयरिंग और 12 फरवरी को बिहार विधानसभा में होने वाला बहुमत परीक्षण बातचीत का मुद्दा हो सकता है। राजग के बाकी घटक दलों- लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों हिस्सों, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल के साथ भी सीटें बंटनी है।

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