अकेले में हार्ट अटैक आ जाए, तो कैसे बचाएं अपनी जान? 

हार्ट अटैक एक जानलेवा कंडीशन है जिसमें तुरंत मदद मिलना जरूरी है। लेकिन अगर आप इस कंडीशन में अकेले हो तो क्या करना चाहिए। दरअसल कुछ जरूरी स्टेप्स (Heart Attack Surviving Tips) की मदद से हार्ट अटैक में अपनी जान बचा सकते हैं। आइए जानें अगर अकेले हों और हार्ट अटैक आए तो क्या करना चाहिए।

हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए इससे जुड़ी हर मुमकिन जानकारी होना जरूरी है। अब बुजुर्गों को ही नहीं, बल्कि युवाओं और बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिलते हैं। इसलिए इसके लक्षणों (Heart Attack Symptoms) और बचाव के तरीकों के बारे में पता होना चाहिए।

हार्ट अटैक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसमें तुरंत मदद मिलना जरूरी है। लेकिन क्या हो अगर आपको हार्ट अटैक आए और आप अकेले हों। ऐसी स्थिति में मामला और भी गंभीर हो जाता है। लेकिन ऐसे में घबाराना नहीं है, बल्कि तुरंत कुछ जरूरी कदम (Survive a Heart Attack When Alone) उठाने चाहिए, ताकि जान बचाई जा सके। आइए जानें हार्ट अटैक आने पर अगर आप अकेले हों, तो क्या करना चाहिए।

तुरंत इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें
सबसे पहला और सबसे जरूरी काम है तुरंत इमरजेंसी हेल्पलाइन पर कॉल करना। भारत में यह नंबर 108 या आपके क्षेत्र का आपातकालीन नंबर हो सकता है। किसी भी और व्यक्ति से संपर्क करने से पहले हमेशा एम्बुलेंस को कॉल करें। डिस्पैचर आपको तब तक निर्देश दे सकता है जब तक मदद नहीं पहुंच जाती।

एस्पिरिन चबाएं
अगर आपको एस्पिरिन से एलर्जी नहीं है या आपके डॉक्टर ने आपको इसे लेने से मना नहीं किया है, तो तुरंत एक 325 mg की गोली या दो 81 mg की बेबी एस्पिरिन चबाएं और निगल लें। एस्पिरिन प्लेटलेट्स को जमने से रोकती है, जिससे आर्टरीज में क्लॉटिंग धीमी हो जाती है। पहले लक्षणों के 30 मिनट के भीतर यह सबसे असरदार होती है।

शांत रहें और घबराएं नहीं
हार्ट अटैक डरावना हो सकता है, लेकिन घबराना स्थिति को और बिगाड़ सकता है, क्योंकि इससे आपकी हार्ट रेट बढ़ जाएगी। जितना हो सके, शांत रहने की कोशिश करें।

ड्राइविंग की कोशिश बिल्कुल न करें
अगर आप गाड़ी चला रहे हैं और लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत सड़क के किनारे रुक जाएं। खुद ड्राइव करके अस्पताल जाने की कोशिश न करें। इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें और एम्बुलेंस का इंतजार करें।

लेट जाएं और टांगों को ऊपर उठाएं
फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी टांगों को ऊपर उठा लें। आप अपनी टांगों को सहारा देने के लिए तकिए, सोफे या कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस पोजीशन से डायाफ्राम खुल जाता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है।

गहरी सांस लें
तेज-तेज सांस लेने के बजाय, धीरे, गहरी और स्थिर सांसें लें। अपने दिल को लगातार ऑक्सीजन की पूर्ति करना जरूरी है। अगर हो सके, तो खिड़की या दरवाजे के पास लेट जाएं ताकि ताजी हवा मिल सके।

खाने-पीने से बचें
एस्पिरिन के अलावा, कुछ भी खाने या पीने से बचें। इससे मेडिकल हेल्प देने में परेशानी हो सकती है।

‘कफ सीपीआर’ बिल्कुल ट्राई न करें
कुछ लोग मानते हैं कि खास तरीके से खांसने यानी कफ सीपीआर से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है। लेकिन यह एक मिथक है और इसके काम करने की संभावना बहुत कम है।

आस-पास के किसी व्यक्ति को बुलाएं
मेडिकल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के बाद किसी जान पहचान के व्यक्ति जैसे- किसी भरोसेमंद पड़ोसी या दोस्त को बुलाएं। पास में किसी और का होना ऐसी हालत में मददगार हो सकता है।

डॉक्टर से फॉलो लें
हार्ट अटैक से बच जाते हैं, तो भविष्य में इसके जोखिम को कम करने के लिए अपने डॉक्टर से जरूर बात करें। वे आपको सही दवाइयां, लाइफस्टाइल में बदलाव और भविष्य के लिए एक इमरजेंसी प्लान बनाने में मदद करेंगे।

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