समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में एक सादगीपूर्ण समारोह में ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना की। अखिलेश यादव के नेतृत्व में संपन्न ‘संविधान-मानस्तंभ’ अनावरण कार्यक्रम के दौरान सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी समेत कई प्रमुख नेता मौजूद रहे।
संविधान ही संजीवनी हैः अखिलेश
अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, ”आज हमने ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना करके अपने ‘संविधान के संरक्षण और मान’ के अपने संकल्प की पूर्ति की है। सामाजिक न्याय के हमारे आंदोलन में ये ‘संविधान-मानस्तंभ’ हमारे PDA के सिद्धांत-सूत्र के लिए ‘पीडीए-प्रकाशस्तंभ’ के रूप में हमारा मार्ग सदैव प्रकाशित और आलोकित करता रहेगा। संविधान ही संजीवनी है! ‘आरक्षण दिवस’ की बधाई और शुभकामनाएं!”
‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना से पहले ये बोले अखिलेश
इससे पहले सपा प्रमुख ने कहा, ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना: ‘आरक्षण दिवस’ 26 जुलाई को समाजवादी पार्टी ने ‘संविधान-मानस्तंभ’ की ‘स्थापना दिवस’ के रूप में मनाने का विनम्र निर्णय लिया है क्योंकि इसी दिन महात्मा ज्योतिबा फुले जी द्वारा संकल्पित ‘आरक्षण’ को कोल्हापुर के परम आदरणीय-अनुकरणीय श्रीमंत महाराज राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज जी अपने कोल्हापुर राज्य में लागू करके, आरक्षण का शुभारंभ किया था।”
‘सामाजिक न्याय की भावना को इसी दिन अमल में लाया गया’
अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘सामाजिक न्याय की भावना को आरक्षण के रूप में इसी दिन अमल में लाया गया था, जो आगे चलकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के सद्प्रयासों से हमारे संविधान में एक जनाधिकार के रूप में सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने का मूल आधार बना और देश के लोकतंत्र की स्थापना का मूल सिद्धांत भी।”
‘विचार को सही में लागू करना ही प्रभावशाली उदाहरण होता है’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘इसी परिप्रेक्ष्य में ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना का इससे अधिक ऐतिहासिक अवसर और क्या हो सकता है, क्योंकि विचार को सही में लागू करना ही तो सबसे बड़ा और प्रभावशाली उदाहरण होता है, जो परम आदरणीय-अनुकरणीय श्रीमंत महाराज राजर्षि छत्रपति शाहूजी महाराज जी ने कर दिखलाया था।” उन्होंने कहा कि इसलिए आज 26 जुलाई को सपा के लखनऊ स्थित मुख्यालय में एक सादगीपूर्ण समारोह में ‘संविधान-मानस्तंभ’ की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ जिसमें भारत के संविधान की एक प्रति की स्थापना होगी, जिससे ‘पीडीए-प्रकाशस्तंभ’ के रूप में ‘भारत का संविधान’ हमारे सामाजिक न्याय का मार्ग सदैव प्रकाशित और प्रशस्त करता रहे।”