अमेरिकी उड़ानों के लिए किफायती वैकल्पिक मार्ग तलाश रही एयर इंडिया

पाकिस्तान द्वारा भारत के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के बाद परिचालन लागत में कमी लाने के लिए टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एयर इंडिया दिल्ली से उत्तर अमेरिका की अपनी उड़ानों के लिए विभिन्न वैकल्पिक मार्गों पर विचार कर रही है। इनमें भारत के ही किसी शहर में टेक्नीकल स्टाप के साथ सेवाओं को संचालित करना शामिल है।

एयर इंडिया उत्तर अमेरिकी में 71 उड़ानें संचालित करती है

वर्तमान में, एयर इंडिया उत्तर अमेरिकी गंतव्यों के लिए प्रति सप्ताह 71 उड़ानें संचालित करती है और इनमें 54 सेवाएं दिल्ली से हैं। एयर इंडिया अमेरिका में शिकागो, न्यूयार्क, वाशिंगटन, सैन फ्रांसिस्को एवं नेवार्क और कनाडा में टोरंटो व वैंकूवर के लिए उड़ान भरती है।

एयर इंडिया के एमडी और सीईओ कैंपबेल विल्सन ने शुक्रवार को कर्मचारियों को भेजे संदेश में कहा, ”हमने अन्य विकल्पों की पहचान करने में अच्छी प्रगति की है, इसलिए हमारा लक्ष्य विदेशों में टेक्निकल स्टाप की संख्या को कम करना और जल्द ही अधिक नान-स्टाप संचालन बहाल करना है।”

उड़ान के घंटे व ईंधन की खपत बढ़ गई है

पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण एयरलाइनों के लिए उड़ान के घंटे व ईंधन की खपत बढ़ गई है, पेलोड व विमानों की उपलब्धता के मुद्दे सामने आए हैं और चालक दल की उड़ान ड्यूटी की समयसीमा की चुनौतियां भी सामने आई हैं।दिल्ली सहित उत्तर भारतीय शहरों से पश्चिम की ओर उड़ान भरने वाली सभी उड़ानें अब अरब सागर के ऊपर लंबे मार्गों का उपयोग कर रही हैं। रास्ते में एक यूरोपीय शहर में टेक्निकल स्टाप भी कर रही हैं। ये स्टाप आमतौर पर विएना (आस्टि्रया) या कोपेनहेगन (डेनमार्क) में होते हैं, जहां विमानों में ईंधन भरा जाता है।

मुंबई या अहमदाबाद में स्टाप बनाने की संभावना

सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन दिल्ली से उत्तरी अमेरिका जाने वाली अपनी उड़ानों के लिए भारत में, संभवत: मुंबई या अहमदाबाद में स्टाप बनाने की संभावना तलाश रही है, ताकि इन उड़ानों को किसी यूरोपीय शहर में न रुकना पड़े।इस तरह की व्यवस्था से एयरलाइन को ईंधन की अधिक खपत, परिचालन व्यय और चालक दल के लिए उड़ान ड्यूटी समयसीमा की चुनौतियों का समाधान करने में मदद मिलेगी। यूरोपीय शहर में स्टाप का मतलब है लैंडिंग शुल्क और ईंधन लागत सहित अधिक खर्च।

पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण होगा बड़ा नुकसान

विश्लेषण से पता चला है कि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारतीय एयरलाइनों की अतिरिक्त मासिक परिचालन लागत 306 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है।

एयर इंडिया को ड्यूटी के घंटे बढ़ाने की अस्थायी अनुमति

भारतीय विमानन नियामक ने लंबी दूरी के मार्गों पर पायलटों के लिए अधिकतम ड्यूटी के घंटों एवं विश्राम की अवधि अस्थायी रूप से बढ़ाने की एअर इंडिया को अनुमति प्रदान कर दी है। यह छूट 30 अप्रैल से प्रारंभ दो हफ्तों के लिए है।

स्थायी समाधान तलाशा जा रहा

इस दौरान स्थायी समाधान तलाशा जा रहा है। इस छूट से पायलटों और केबिन क्रू के लिए अधिकतम उड़ान ड्यूटी की अवधि (आमतौर पर ड्यूटी पर रिपोर्ट करने और उड़ान से संबंधित गतिविधियों की समाप्ति के बीच का समय) बढ़ जाएगी।

ड्यूटी अवधि 22 घंटे के स्थान पर 24 घंटे

अब 12 घंटे तक की उड़ान के लिए पायलट की अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि 16 घंटे होगी, जो पहले 14 घंटे थी, जबकि 14 घंटे से अधिक की उड़ान के लिए ड्यूटी अवधि 22 घंटे के स्थान पर 24 घंटे हो गई है।

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