असम में आई भीषण बाढ़ से अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 15 जिलों में 1.61 लाख से ज़्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीमगंज जिले की हालत और भी गंभीर बताई जा रही है। बाढ़ से 15 जिलों में 93895 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से सभी आवश्यक कदम उठाने और प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने का निर्देश दिया है।
असम में बाढ़ की स्थिति बिगड़ती जा रही है। राज्य के 15 जिलों में 1.61 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राज्य में बाढ़ ने अब तक 26 लोगों की जान ले ली है। वहीं, करीमगंज ज़िले के बदरपुर इलाके में भूस्खलन की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक महिला और उसकी तीन बेटियां और एक तीन साल का बच्चा शामिल है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को हैलाकांडी जिले में बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई।
अब तक राज्य में 26 लोगों की गई जान
ASDMA की बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की बाढ़ ने अब तक राज्य में 26 लोगों की जान ले ली है।करीमगंज जिले में बाढ़ की स्थिति और भी बदतर हो गई है, क्योंकि 41,711 बच्चों सहित 1.52 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। करीमगंज जिले के नीलामबाजार, आरके नगर, करीमगंज और बदरपुर राजस्व सर्किल के अंतर्गत 225 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 22,464 बाढ़ प्रभावित लोग जिला प्रशासन द्वारा स्थापित राहत शिविरों और राहत वितरण केंद्रों में शरण ले रहे हैं।
बाढ़ से 15 जिलों में 93,895 पालतू जानवर भी प्रभावित
एएसडीएमए बाढ़ रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 बाढ़ प्रभावित जिलों के 28 राजस्व सर्किल के अंतर्गत 470 गांव प्रभावित हुए हैं और बाढ़ के पानी ने 11 जिलों में 1378.64 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। बाढ़ से 15 जिलों में 93,895 पालतू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने की बैठक
इससे पहले 15 जून को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक और पुलिस प्रशासन और काजीरंगा अधिकारियों के साथ बैठक की थी, खासकर बाढ़ के मौसम के दौरान। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों से सभी आवश्यक कदम उठाने और प्रतिक्रिया प्रणाली को मजबूत करने को कहा।
तीन नई कमांडो बटालियन तैनात
बैठक के दौरान, असम के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि काजीरंगा में तीन नई कमांडो बटालियन तैनात की गई हैं।उनका मिशन राष्ट्रीय राजमार्ग पार करते समय जानवरों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना और शिकारियों को बाढ़ की स्थिति का फायदा उठाकर वन्यजीवों को नुकसान पहुंचाने से रोकना है।