सभी अपनी-अपनी गलती की माफी मांगेगे, आज सत्संग मे प्रेम की वर्षा हो रही है। आज सत्संग मे इतनी भीड़ है कि अब यह नदी नहीं समंदर बन गया है आप एक-दूसरे को भले ही नहीं पहचानते हो, लेकिन यदि कोई गलती हुई हो तो पिछले जन्मों की गलतियां की माफी मांग लो, पिछले जन्मों के कर्मों को काटने के लिए ही आप सभी लोगों को एक जगह पर इकट्ठा किया गया है। एक-दूसरे का लेना-देना कर्म-कर्जा इसी भीड़ में, इसी धक्का-मुक्की में अदा हो जाएगा। आप तो बस सबसे माफी मांग लो। आलोचकों से भी, दुष्टता करने वालों से भी माफी मांग लो, गुरु महाराज से सबके भलाई की कामना कर लो। आप प्रेमीयों के लिए मैं कामना कर रहा हूं। आज समय, मौका, मुहूर्त है। आपके मन मे एक दूसरे के प्रति जो ईर्ष्या भरी हुई है, इसकी गंदगी साफ करने का मौका आज है, फायदा उठाओ। यह संकल्प जय गुरूदेव बाबा उमाकान्त महाराज ने देश विदेश से आए अनुयययियों को होली पर्व पर उज्जैन आश्रम मे आयोजित सत्संग मे दिलाया।
होली सबसे माफी मांगने का दिन है: सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
जय गुरूदेव बाबा उमाकान्त जी महाराज ने होली कार्यक्रम में कहा कि समय की कीमत होती है। आज होली हो जाने दो, उसके बाद देखना, मुश्किलें दिखाई पड़ने लगेगी। समझ लो भारत के लोगों के सर पर उस दयालु, दीनबंधु दीनानाथ, गरीब परवर, रहमान का हाथ है, बाकी देशों से हाथ अब धीरे-धीरे हट रहा है। क्योंकि उनके खान-पान, चाल-चलन गलत हो रहे हैं, उनके अंदर से मानवता इंसानियत खत्म हो रही है, उनके रोम-रोम में हैवानियत आ रही है।इंसान जो भगवान खुदा, बन सकता है, जो मम खुदाय कहा, उसमें जब राक्षसी प्रवत्ति हैवानियत आ जाएगी तब क्या होगा, तब तो विनाश होगा ही होगा, विनाश की लीलाएं दिखाई पड़ेगी। देखो, जहां-जहां हमले हुए, लाशों पर लाशों का होगा नजारा, सुनते तो जाओ संदेश हमारा। चाहे मास्को रहा हो, चाहे जहां-जहां देशों में युद्ध हुए या जहां हमले हुए हैं, जहां जनधन की हानि हुई है, वहां का नजारा देख नहीं सकते हो। एक बार भी फोटो उसकी देख लोगे तो वही दिमाग में रहेगा, हड्डी पसलियां सर हाथ अलग-अलग पड़ा है, खून बिखरा है, मांस के लोथड़े पड़े हैं तो आप जल्दी सो नहीं पाओगे, ढंग से खा नहीं पाओगे, वही चीज दिल-दिमाग में घूमती रहेगी। यह सब घटनाएं तो अभी ट्रेलर हैं, कुदरती कहर की पिक्चर तो आगे शुरू होगी।