उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर शुक्रवार को 54 प्रतिशत से ज्यादा मतदान दर्ज हुआ जो 2019 के आम चुनाव में हुए मतदान से करीब पांच प्रतिशत कम रहा। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड में 61.48 प्रतिशत मतदान हुआ था। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश की पांचों लोकसभा सीट पर 54.22 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। प्रदेश में एक ही चरण में मतदान हुआ।
हरिद्वार सीट पर सबसे ज्यादा मतदान
सर्वाधिक मतदान नैनीताल-उधमसिंह नगर संसदीय सीट पर हुआ जहां पांच बजे तक 59.99 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। हरिद्वार सीट पर 59.12 फीसदी, टिहरी सीट पर 51.74 फीसदी, पौड़ी गढ़वाल सीट पर 49.93 फीसदी एवं अल्मोड़ा में 45.39 प्रतिशत मतदान हुआ। सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक चले मतदान के बाद प्रदेश की पांच लोकसभा सीट पर 55 प्रत्याशियों की राजनीतिक किस्मत ईवीएम में कैद हो गई जिसका परिणाम चार जून को सामने आएगा। प्रदेश में 83 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। मतदान के लिए प्रदेश के 13 जिलों में 11,729 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
कुछ गांवों ने मतदान का बहिष्कार भी किया
पूरे प्रदेश में मतदान सुचारू रूप से हुआ और कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। हरिद्वार में एक बुजुर्ग मतदाता ने चुनाव में मतपत्रों का इस्तेमाल नहीं किए जाने के विरोध में ईवीएम जमीन पर पटक दी। मानसिक रूप से अस्वस्थ बताए जा रहे 70 वर्षीय रणधीर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया लेकिन कुछ घंटों बाद उसे छोड़ दिया गया। वहीं प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कुछ गांवों ने आधारभूत सुविधाओं जैसे सड़क के अभाव में मतदान का बहिष्कार भी किया। पौड़ी गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में आने वाले चमोली जिले के आठ गांवों तथा अल्मोड़ा लोकसभा सीट के तहत चंपावत जिले के दो गांवों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।