एनसीईआरटी की ओर से गठित एक समिति ने सिफारिश की थी कि किताबों की छपाई फिर से की जाए, जिनमें ‘INDIA’ को बदलकर ‘Bharat’ लिखा जाएगा।
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, यानी एनसीईआरटी की किताबों में जल्द ही एक बदलाव देखने को मिल सकता है। दरअसल, एनसीईआरटी द्वारा गठित एक समिति ने किताबों में ‘INDIA’ को बदलकर ‘Bharat’ करने की सिफारिश की थी।
पैनल द्वारा पुस्तकों के अगले सेट में इंडिया के बजाय ‘भारत’ प्रिंट करने के प्रस्ताव को सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। पैनल के सदस्यों में से एक ने इस बात की पुष्टि की है।
पैनल के सदस्यों में से एक सीआई इस्साक के मुताबिक, पैनल के सभी सदस्यों ने ‘INDIA’ को बदलकर ‘Bharat’ करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है। यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब, जबकि प्रस्ताव स्वीकार किया जा चुका है तो एनसीईआरटी की नई किताबों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ मुद्रित किया जाएगा।
लागू हो भारतीय ज्ञान प्रणाली
इसी के साथ समिति के अध्यक्ष सी आई इस्साक ने यह भी बताया कि एनसीईआरटी पैनल ने सभी विषयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शामिल करने की सिफारिश की है।
“इंडिया” बनाम “भारत”
अब एनसीईआरटी की किताबों का एक नया दस्ता जारी किया जाएगा। नई किताबों में बच्चे अब इंडिया नहीं, बल्कि भारत पढ़ेंगें।
बता दें कि ‘भारत’ बनाम ‘इंडिया’ पर चर्चा की शुरुआत तब हुई जब केंद्र ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित जी20 रात्रिभोज के निमंत्रण को “President of India” के बजाय “President of Bharat” के नाम से भेज दिया, जिससे राजनीतिक विवाद शुरू हो गया।
सितंबर में, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम में जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, तब उनकी नेमप्लेट पर भी ‘भारत’ प्रदर्शित किया गया था।
संविधान के अनुच्छेद 1 (1) में हमारे देश का नाम “इंडिया, अर्थात भारत राज्यों का संघ होगा” परिभाषित किया गया है।