एस्सार ग्रुप की नींव रखने वाले शशि रुइया का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

अरबपति कारोबारी और स्टील, पावर, एनर्जी के साथ पोर्ट बिजनेस करने वाले एस्सार ग्रुप के को-फाउंडर शशि रुइया का लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया। वह 81 साल के थे। रुइया पहली पीढ़ी के उद्योगपति थे और वह अपने पीछे ट्रांसफॉर्मेटिव लीडरशिप और इनोवेशन की विरासत छोड़ गए। रुइया अपने कारोबारी जीवन के अलावा परोपकारी कामों के लिए भी जाने जाते थे।

एस्सार ग्रुप की शुरुआत कैसे की?

शशि और उनके छोटे भाई रवि रुइया ने 1969 में एस्सार ग्रुप की नींव रखी। इसमें शुरुआती निवेश 2.5 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने एक कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग फर्म के तौर पर शुरुआत की। इसका काम पुल, बांध और बिजली संयंत्र जैसे अहम इन्फास्ट्रक्चर बनाना था।

ऑयल-टेलिकॉम सेक्टर में एंट्री

एस्सार ने 1980 के दशक तक एनर्जी सेक्टर में विस्तार कर लिया। उसने कई प्रमुख तेल और गैस एसेट्स को खरीदा। एस्सार ग्रुप ने 1990 के दशक में स्टील और टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री की। उसने पहले हचिसन और फिर वोडाफोन के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर अपने टेलिकॉम बिजनेस को काफी आगे बढ़ाया। हालांकि, एस्सार 2011 में तेल और गैस, बिजली और बंदरगाहों जैसे बिजनेस पर फोकस करने के लिए टेलिकॉम सेक्टर से बाहर निकल गया।

एस्सार ग्रुप का कितना बड़ा साम्राज्य

एस्सार ग्रुप कई वित्तीय चुनौतियों से जूझने के बाद एक बड़े पोर्टफोलियो को मैनेज करता है। इसमें ब्रिटेन में 10 मिलियन टन प्रति वर्ष की रिफाइनरी, भारत और वियतनाम में विशाल हाइड्रोकार्बन भंडार और अहम रिन्यूएबल एनर्जी वेंचर्स शामिल हैं। फोर्ब्स के अनुसार, 2021 में रुइया बंधुओं की नेटवर्थ करीब 18,500 करोड़ रुपये थी।

पीएम मोदी ने जताया शोक

पीएम नरेंद्र मोदी ने शशि रुइया के देहांत पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘श्री शशिकांत रुइया जी उद्योग जगत की एक महान हस्ती थे। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और उत्कृष्टता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता ने भारत के कारोबारी परिदृश्य को बदल दिया। उन्होंने इनोवेशन और विकास के लिए उच्च मानक भी स्थापित किए। वे हमेशा विचारों से ओतप्रोत रहते थे। हमेशा इस बात पर चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे बेहतर बना सकते हैं। शशि जी का निधन बेहद दुखद है। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति।’

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