कई लोग नवरात्र की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करते हैं, तो वहीं कुछ लोग नवमी तिथि पर भी कन्या पूजन करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को किया जाएगा, इसलिए कन्या पूजन भी इसी दिन करना शुभ होगा। कन्या पूजन में मुख्य रूप से छोटी कन्याओं को घर पर आमंत्रित किया जाता है और उन्हें भोजन करवाया जाता है। इसके बाद कन्याओं को विदा करते समय उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
लगाएं ये भोग
नवरात्र में कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को भोग के रूप में हलवा, पूरी, चने और खीर का भोग जरूर लगाना चाहिए। इसी के साथ आप प्रसाद के रूप में कन्याओं को फल जैसे केले या सेब और मिठाई में कलाकंद या पेड़े आदि भी दे सकते हैं। इससे माता रानी अति प्रसन्न होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
इस तरह करें विदा
भोजन के बाद उन्हें उपहार के रूप में भी कुछ-न-कुछ जरूर देना चाहिए। कन्या पूजन के दौरान उपहार के रूप में उन्हें शृंगार का सामान जैसे, क्लिप, चुनरी या चूड़ियां आदि दे सकते हैं। इसी के साथ शिक्षा से संबंधित चीजें जैसे कॉपी, पेन-पेंसिल भी कन्याओं को दिया जा सकता है। अपने घर से कन्याओं को विदा करने से पहले उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। जय माता दी के जयकारों के साथ उन्हें विदा करें। ऐसा करने से माता रानी आपसे प्रसन्न होती हैं।
धन्या रखें ये बातें
कन्या पूजन के लिए भोग बनाते समय स्वच्छता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि भोग में शामिल सभी चीजें पूर्ण रूप से सात्विक होनी चाहिए। छोटी बच्चियों का कन्या पूजन किया जाता है, ऐसे में कोशिश करें कि आपका भोजन कम मिर्च-मसाले वाला हो।