मेट्रो का काम कानपुर में तेज गति से चल रहा है। हालांकि मेट्रो के ठेकेदारों की लापरवाही से शहरियों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। निर्माण के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। हरबंश मोहाल में मकानों में दरारें आ गई हैं। अब दक्षिणी क्षेत्र के सबसे बड़े सीओडी नाले में ठेकदार ने मलबा डाल दिया है। इससे गंदे पानी का बहाव प्रभावित हो रहा है। बैक फ्लो होने पर हंसपुरम सहित छह वार्डों में गंदा पानी भरने की आशंका है। इसको लेकर नगर निगम ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) को नोटिस दिया है।
सीओडी नाले से बाबूपुरवा, मुंशीपुरवा, बेगमपुरवा, लाल कॉलोनी, ट्रांसपोर्टनगर, आनंदपुरी, किदवईनगर, जूही, बारादेवी, साकेतनगर, नौबस्ता, यशोदानगर, गोपालनगर, पशुपतिनगर, मछरिया, हंसपुरम, संजय गांधीनगर, बाबानगर, बौद्धनगर, खाड़ेपुर, बिनगवां, फजलगंज, दर्शनपुरवा, चमनगंज, अफीमकोठी, डिप्टी पड़ाव, लक्ष्मीपुरवा सहित सौ से ज्यादा मोहल्लों का गंदा पानी बिनगवां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में जाता है। नगर निगम जोन-2 के अधिशासी अभियंता भास्कर दिवाकर ने शुक्रवार को इस नाले का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग में नौबस्ता स्थित मेट्रो यार्ड के पास सीओडी नाले में मलबा पड़ा था। आसपास के लोगों से पता चला कि मलबा मेट्रो कार्य के दौरान निकला है, मेट्रो कर्मियों ने इसे नाले में फेंका है। इसे तत्काल हटवाने के लिए यूपीएमआरसी को नोटिस दिया जा रहा है। उधर, मेट्रो के पीआरओ ने इसकी जानकारी से इन्कार किया है। उन्होंने बताया कि इसका पता लगाया जाएगा। यदि दिक्कत होगी, तो दूर कराई जाएगी।
इन मोहल्लों में भर सकता गंदा पानी
इस नाले के चोक होने से गंदा पानी बैकफ्लो होगा। हंसपुरम, बिनगवां, खाड़ेपुर, नौबस्ता पूर्वी, नौबस्ता पश्चिमी, पशुपतिनगर वार्ड के कई मोहल्लों में सड़कों से लेकर घरों तक में गंदा पानी भरने की आशंका है।
सीओडी नाले से रोज बिनगवां एसटीपी पहुंचता 15 करोड़ लीटर गंदा पानी
सीओडी नाला दक्षिणी क्षेत्र का सबसे बड़ा नाला है। इस नाले से रोज 14-15 करोड़ लीटर गंदा पानी बिनगवां एसटीपी में पहुंचता है। बकरमंडी में सीसामऊ नाला भी डायवर्ट किया गया है, वहां से रोज करीब छह करोड़ लीटर पानी चमनगंज, अफीमकोठी, राखी मंडी सीवेज पंपिंग स्टेशन से सीओ़डी नाला होते हुए बिनगवां एसटीपी में जाता है।
मेट्रो ने ढाई साल में भी नहीं हटाई बैरिकेडिंग
यूपीएमआरसी के माल रोड से तय समय में बैरिकेडिंग न हटाने, टूटी सड़कों पर पैचवर्क न कराने से रोज लाखों लोग परेशान हैं। चुन्नीगंज से परेड, बड़ा चौराहा होते हुए नरोना चौराहा तक बैरिकेडिंग कर भूमिगत मेट्रो के निर्माण कार्य के चलते दो साल तक ट्रैफिक डायवर्जन किया गया था। ढाई साल बीतने के बावजूद 10 फीसदी बैरिकेडिंग नहीं हटाई गईं। इस रोड पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं।
कार्य पूरा होते ही नए सिरे से बनवाई जाएगी सड़क
वहीं, कमोवेश यही हाल हमीरपुर रोड के हैं। यहां भी सड़कों पर गड्ढे हैं। मेट्रो ने कुछ जगह पैचवर्क कराया है पर वह भी आधा-अधूरा। मेट्रो के पीआरओ का दावा है कि माल रोड में मेट्रो स्टेशनों के डक्ट छोड़कर शेष हिस्से से मई-जून में सभी बैरिकेडिंग हटाकर सड़क बनवा दी जाएगी। हमीरपुर रोड में सड़क की मरम्मत कराई है। जून-जुलाई में कार्य पूरा होते ही नए सिरे से सड़क बनवाई जाएगी।
मेट्रो से दरके मकानों में रहने वालों की नींद उड़ी
कानपुर सेंट्रल से नयागंज तक मेट्रो सुरंग निर्माण के दौरान टनल बोरिंग मशीन के कंपन्न के मोतीमोहाल, हरबंश मोहाल में 15 से ज्यादा मकानों में दरारें आ गई थीं। मोतीमोहाल में ही एक युवक के घायल होने और अन्य मकानों के ढहने की आशंका से उनमें रह रहे लोगों का दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। लोगों ने जल्द से जल्द मरम्मत की मांग की है।