मध्य प्रदेश के श्योपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की सुरक्षा के लिए उन पर एक विदेशी मरहम लगाने की एक शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य चीतों में होने वाले सेप्टिसीमिया संक्रमण को रोकना है। पिछले साल इस संक्रमण से तीन चीतों की मौत हो गई थी।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) लाए गए चीतों को संक्रमण से बचाने के लिए एंटी एक्टो पैरासाइट दवा दी जा रही है। बरसात के मौसम के होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए पार्क के सभी 13 वयस्क चीतों पर इसे लगाया जा रहा है।
केएनपी के निदेशक उत्तम शर्मा ने रविवार को फोन पर पीटीआई-भाषा को बताया, “हमने बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ चीतों को स्थिर करके दक्षिण अफ्रीका से मंगाई गई ‘एंटी एक्टो पैरासाइट मेडिसिन’ (मैगॉट रोधी) लगाना शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि हम श्योपुर जिले के बफर जोन सहित 1,235 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले केएनपी के सभी 13 वयस्क चीतों के शरीर पर इस दवा को लगाने जा रहे हैं। इस दवा का प्रभाव तीन से चार महीने तक तक रहता है।
उन्होंने बताया कि केएनपी ने पिछले साल सेप्टीसीमिया संक्रमण के कारण तीन चीतों को खो दिया था। ऐसे में मानूसन की गतिविधियों को देखते हुए चीतों की सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं।