गर्मी के साथ ही बढ़ने लगा मलेरिया मच्छरों का प्रकोप…

गर्मी बढ़ने के साथ ही मलेरिया मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। तटीय और हिमालयी क्षेत्रों में भी अब मलेरिया मच्छर पनप रहे हैं। इसका प्रमुख कारण इन क्षेत्रों में साफ-सफाई कमी, पानी का जमाव और घनी बस्ती है। हालांकि इसके बचाव के लिए तेजी से अभियान चलाया जा रहा है। जिससे इसपर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए आसपास गंदगी, पानी का जमाव नहीं होने देना है। घर के अंदर लगे इंडोर प्लांट को अगर समय-समय पर बाहर निकाल कर नहीं रखते हैं तो यहां मलेरिया मच्छरों के पनपने का अवसर मिल जाता है।

घातक हो सकती है बीमारी

मलेरिया मादा मच्छर (एनाफिलीज) मच्छर से फैलता है। यह कभी-कभी बेहद घातक साबित हो जाता है। अधिकतर रोगी उपचार के बाद ठीक हो जाते हैं। लेकिन इलाज में देरी घातक हो सकता है। उपचार में देरी मलेरिया एनीमिया, सेरेब्रल मलेरिया, कोमा या आप की मौत का कारण बन सकता है। सबसे अधिक मौतें प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम के कारण होते हैं।

लक्षण

शरीर के अंदर प्रवेश करते ही एनाफिलीज लिवर में गुणात्मक बढ़ते हैं। इसके पश्चात लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। जिसके चलते बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं थकान जैसी समस्याएं होने लगती है।

कैसे करें बचाव

  • लक्षण महसूस होते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
  • डॉक्टर के परामर्श से नियमित दवा लें। बीच में न छोड़ें।
  • रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • बेडरूम में कीटनाशक का छिड़काव करें।
  • घर के आसपास पानी न जमा होने दें।
  • पानी की टंकी में ढक्कन लगा के रखें।
  • आसपास साफ सफाई रखें।
Show More

Related Articles

Back to top button