चीन हैकर्स अमेरिक की मूलभूत सुविधाओं को निशाना बना रहे हैं। चीन पर हाउस सेलेक्ट कमेटी के समक्ष तैयार की गई टिप्पणियों की एक प्रति के अनुसार साइबर खतरे पर सार्वजनिक रूप से बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है। परंतु वे इस बात को लेकर गंभीर है। चीन के हैकर्स अमेरिकी बुनियादी ढांचे पर तबाही मचाने और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की तैयारी जुटे हैं।
चीनी हैकर्स अमेरिकी मूलभूत सुविधाओं को निशाना बना रहे हैं। इसमें जलशोधन संयंत्र, बिजली ग्रिड, परिवहन सेवा सहित देश के अन्य महत्वपूर्ण मूलभूत सुविधा प्रदान करने वाले क्षेत्र शामिल हैं। एफबीआइ के डायरेक्टर क्रिस रे इसे लेकर सांसदों को जानकारी देंगे।
संभावित व्यवधान के लिए तकनीकी आधार तैयार कर सकते हैं
चीन पर हाउस सेलेक्ट कमेटी के समक्ष तैयार की गई टिप्पणियों की एक प्रति के अनुसार साइबर खतरे पर सार्वजनिक रूप से बहुत कम ध्यान दिया जा रहा है। चीन के हैकर्स अमेरिकी बुनियादी ढांचे पर तबाही मचाने और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की तैयारी में हैं।
यह फैसला चीन को करना है कि हमला का समय कब होगा। ये टिप्पणियां माइक्रोसाफ्ट सहित अन्य साइबर सुरक्षा फर्मों के आकलन के अनुरूप हैं, जिन्होंने मई में कहा था कि राज्य समर्थित चीनी हैकर अमेरिका के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को लक्षित कर रहे हैं और भविष्य के संकटों के दौरान अमेरिका और एशिया के बीच महत्वपूर्ण संचार के संभावित व्यवधान के लिए तकनीकी आधार तैयार कर सकते हैं।
चीनी सरकार ने समिति की आलोचना की
रे ने कहा कि हर दिन वे सक्रिय रूप से हमारी आर्थिक सुरक्षा पर हमला कर रहे हैं। वे हमारे नवाचार और हमारे व्यक्तिगत और कार्पोरेट डेटा की चोरी में संलग्न हैं। विस्कान्सिन के रिपब्लिकन प्रतिनिधि माइक गैलाघेर की अध्यक्षता में समिति की स्थापना पिछले साल चीन का मुकाबला करने के लिए की गई थी। चीनी सरकार ने समिति की आलोचना करते हुए मांग की है कि इसके सदस्य अपने वैचारिक पूर्वाग्रह की मानसिकता को त्यागें।
सेना की मददगार चीनी कंपनियों को पेंटागन ने लगाई फटकार
रायटर के अनुसार अमेरिका ने चीन की करीब एक दर्जन कंपनियों पर अपने देश की सेना पीएमए की गलत तरीके से मदद करने का आरोप लगाते हुए फटकार लगाई है। इस सिलसिले में पेंटागन ने संदेह के घेरे में आई कुछ कंपनियों की सूची तैयार की है। सूची में जोड़े गए नामों में मेमोरी चिप निर्माता वाईएमटीसी, आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस कंपनी मेगवी, लिडार निर्माता हेसाई टेक्नोलॉजी और टेक कंपनी नेटपोसा शामिल हैं। इस कवायद को विश्व की दो महाशक्तियों के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है।