कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान सांसद राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर टिप्पणी किए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। उनके खिलाफ पीड़क कार्यवाही नहीं करने का आदेश भी बरकरार रखा है। जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी पक्षों को अपना लिखित पक्ष अदालत में पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही अगली सुनवाई की तिथि 17 फरवरी निर्धारित की। राहुल गांधी की ओर से याचिका दायर कर अदालत को बताया गया कि इस मामले में पूर्व में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगायी गयी थी, लेकिन बाद में रोक हटा ली गई। इसके बाद रांची की निचली अदालत ने समन जारी किया था और चार फरवरी को अदालत में उपस्थित होने को कहा था। अदालत से निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी और पीड़क कार्रवाई नहीं करने का आदेश भी बरकरार रखा। भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर वर्ष 2018 में कांग्रेस के अधिवेशन में अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
शिकायतकर्ता नवीन झा ने अपने शिकायतवाद में कहा है कि राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा में हत्यारा भी राष्ट्रीय अध्यक्ष हो सकता है, पर कांग्रेस में ऐसा नहीं हो सकता। याचिका पर रांची सिविल कोर्ट ने संज्ञान लिया था। जिसके बाद मामले में सुनवाई के बाद निचली अदालत ने 4 फरवरी का वारंट जारी किया था। हाई कोर्ट के दखल से मामले में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत मिली है। बता दें, झारखंड में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने भाजपा और तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर टिप्पणी की थी कि भाजपा में हत्यारा भी पार्टी अध्यक्ष बन सकता है।