जानें गर्म दूध या ठंडा दूध सेहत के लिए क्या है फायदेमंद…?

रोजमर्रा की जिंदगी में ज्यादातर लोग एक दिन में किसी भी वक्त दूध का सेवन करते हैं चाहे सुबह हो या फिर शाम का वक्त…चलिए आज हम आपको बताते हैं कि दूध पीने के फायदे क्या है और इसके नियम की. किस तरीके से इसे पीया जाए.

गर्म दूध पीने के फायदे…

  1. बेहतर नींद
    सोने से पहले गर्म दूध का सेवन करने का एक बड़ा फायदा है अच्छी नींद आती है. दूध में अमीनो एसिड होता है जो अच्छी नींद लाने में मदद करता है. दूध गर्म होने पर ये एसिड सक्रिय हो जाते हैं.
  2. जुकाम का इलाज
    सर्दी-जुकाम को ठीक करने के लिए गर्म दूध और शहद पीना एक बेहतरीन घरेलू उपाय है. कहा जाता है कि इसमें एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो आपको ऐसी बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है.
  3. पीएमएस से राहत
    जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मुश्किल होती है, उनके लिए गर्म दूध और हल्दी इसका जवाब है.दूध में पोटेशियम की मौजूदगी ऐंठन को शांत करने में मदद करती है, जबकि गर्म दूध में हल्दी मिलाने से शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है.

ठंडा दूध पीने के फायदे…

  1. त्वचा के लिए अच्छा
    ठंडा दूध इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा होता है जो आपके शरीर को डिहाइड्रेशन से लड़ने में मदद कर सकता है.यह आपके शरीर को हाइड्रेट रखेगा और त्वचा को चमकदार बनाए रखेगा. ठंडा दूध पीने का सबसे अच्छा समय सुबह का है.
  2. वजन घटाने में मदद करता है
    मानो या न मानो, ठंडा दूध वास्तव में वजन कम करने में बहुत मदद करता है. ठंडे दूध में कैल्शियम की उपस्थिति आपके शरीर के चयापचय में सुधार करती है, और इस प्रकार अधिक कैलोरी बर्न करती है. एक गिलास दूध पीने से आपका पेट भी लंबे समय तक भरा रहता है और साथ ही आपको अनावश्यक स्नैकिंग से बचने में भी मदद मिलती है.
  3. पेट के अल्सर से राहत दिलाता है
    अगर आप अक्सर पेट के अल्सर और एसिडिटी से पीड़ित रहते हैं, तो ठंडा दूध एक जादुई उपाय की तरह काम करता है. अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, तो आप एक गिलास ठंडे दूध में एक बड़ा चम्मच ईसबगोल मिला सकते हैं, क्योंकि यह एसिड रिफ्लक्स के उपाय के रूप में काम करता है.

साथ ही इस बात का खास ध्यान रखें कि आप सर्दियों में ठंडा दूध पीने से बचें, क्योंकि इससे सर्दी-खांसी हो सकती है.

दूध पीने के ये नियम :-
कुछ विज्ञापनों के चलते माताओं के मन में यह बैठ जाता है की बच्चों को यही सब चीजें डाल के दो कप दूध पिला दिया बस हो गया. चाहे बच्चे दूध पसंद करे ना करे, उलटी करे, वो किसी भी तरह बच्चों को दूध पिलाने की कोशिश में लगी रहती है.

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