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48 घंटे से अधिक समय से आठ लोग तेलंगाना की श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग में फंसे हैं। कीचड़ की वजह से राहत एवं बचाव अभियान में बाधा पहुंच रही है। भारतीय सेना की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है।
उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से मजदूरों को सफलतापूर्वक निकालने वाली टीम के छह सदस्य भी तेलंगाना पहुंच चुके हैं। टीम के सदस्य बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना ने सिकंदराबाद के बाइसन डिवीजन के इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को तैनात किया गया है।
रिसाव को ठीक करने में जुटे थे मजदूर
तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में 44 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है। इस सुरंग में लगभग 14 किमी अंदर पानी का रिसाव हो रहा था। मजदूरों और इंजीनियरों की एक टीम इसे रोकने में जुटी थी। तभी सुरंग का लगभग तीन मीटर लंबा हिस्सा ढह गया।
चार मजदूर और सुरंग निर्माण में लगी कंपनी के चार कर्मचारी अंदर फंस गए। हादसे के वक्त मौके पर कुल 50 लोग मौजूद थे। हालांकि बाकी लोग वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे। बता दें कि हादसे से चार दिन पहले ही सुरंग निर्माण का काम दोबारा शुरू किया गया था।
सुरंग के 2 किमी हिस्से में भरा पानी
भारतीय वायुसेना और नौसेना की टीमें भी बचाव अभियान में शामिल हो रही हैं। विशाखापत्तनम से तीन हेलीकॉप्टरों में सेना की टीमों को श्रीशैलम भेजा गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के जवान सुरंग के अंदर 14 किलोमीटर बोरिंग मशीन तक पहुंच चुके हैं। मगर कीचड़ और मलबे की वजह से अभियान में बाधा आ रही है। सुरंग के लगभग 2 किमी हिस्से में पानी भरा है।
सुरंग के अंदर जाने वाली ट्रेन हुई खराब
राहत एवं बचाव अभियान में लगभग 300 से अधिक कर्मचारी जुटे हैं। भारी मोटारों के सहारे सुरंग में भरा पानी निकाला जा रहा है। इस बीच सुंरग के अंदर जाने वाली लोको ट्रेन भी 11 किमी अंदर खराब हो गई है। इससे भी अभियान में बाधा पहुंच रही है। ट्रेन को ठीक करने की कोशिश की जा रही है।
कोई आवाज नहीं आ रही
तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी और जुपली कृष्ण राव बचाव अभियान की निगरानी में जुटे हैं। मंत्री एक लोको ट्रेन की मदद से सुरंग के अंदर भी गए। बाहर आने के बाद मंत्री जुपली कृष्ण राव ने बताया कि बचाव दल को कोई आवाज नहीं सुनाई दे रही है। सुरंग में ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी है।
कहां हुआ हादसा?
सुरंग का एक हिस्सा डोमलपेंटा के पास अचानक ढह गया। मौके पर कुल 50 लोग काम में जुटे थे। हादसा सुंरग में 14 किमी अंदर हुआ है। सुरंग की छत का लगभग 3 मीटर का हिस्सा ढहने से दो मजदूरों को चोट आई है। वहीं आठ मजदूर अंदर ही फंस गए हैं। बाकी 42 मजदूर बचकर निकलने में सफल रहे। अंदर फंसे लोगों में दो इंजीनियर, दो मशीन ऑपरेटर और बाकी मजदूर हैं। ये सभी लोग झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।