दिल्ली : जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के घर पहुंचे मनीष सिसोदिया

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुलाकात की। अरविंद केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया शाम को दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पहुंचे और केजरीवाल की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज और विधायकों समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इससे पहले दिन में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी और कहा कि वह 17 माह से हिरासत में हैं।

शीर्ष अदालत ने अधीनस्थ अदालतों की आलोचना करते हुए कहा कि मामले की सुनवाई शुरू हुए बिना लंबे समय तक जेल में रखे जाने से वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। तिहाड़ से रिहा होने के बाद सिसोदिया ने कहा कि उन्हें संविधान और लोकतंत्र की ताकत के कारण जमानत मिली है और यही ताकत केजरीवाल की रिहायी सुनिश्चित करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है लेकिन वह अभी भी जेल में हैं क्योंकि केंद्रीय जांच (सीबीआई) ने उन्हें संबंधित मामले में गिरफ्तार किया है।

इस बीच आप नेता सिसोदिया शुक्रवार को समर्थकों की जय-जयकार और नारों के बीच जेल से बाहर निकले, जबकि उस समय शहर में भारी बारिश हो रही थी। खुशी से झूमते पार्टी समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने सिसोदिया को कंधों पर उठा लिया और जिंदाबाद के नारे लगाए। उन्होंने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का भी समर्थन किया और नारे लगाए, “जेल के ताले टूटेंगे, केजरीवाल जी छूटेंगे।” जेल से बाहर आते समय सिसोदिया ने मैरून रंग की शर्ट पहनी थी। पार्टी नेता आतिशी, संजय सिंह और दुर्गेश पाठक उनसे मिलने आए थे। ये सभी बारिश में छाते पकड़े खड़े रहे और सिसोदिया के बाहर आने का इंतजार किया।

सिसोदिया ने इस मौके पर एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “इस आदेश के बाद मैं बाबा साहेब आंबेडकर का ऋणी रहूंगा। हमने संविधान के माध्यम से इस कानूनी लड़ाई को तार्किक अंत तक पहुंचाया है। मैं आप सभी का मेरे साथ होने के लिए धन्यवाद करता हूं।” उन्होंने कहा, “मैं जेल में अकेला नहीं था, देश के लोग और बच्चे मेरे साथ थे। उच्चतम न्यायालय को हृदय से धन्यवाद, जिसने संविधान की शक्ति का प्रयोग करके तानाशाही पर कड़ा प्रहार किया।”

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