दिल्ली : नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल में लिफ्ट बंद, डोली के सहारे मंजिल चढ़ रही हैं गर्भवती

दिल्ली नगर निगम के कस्तूरबा अस्पताल में डिलीवरी करवाने आ रही महिलाओं को ऊपर की मंजिल पर जाने के लिए डोली का सहारा लेना पड़ रहा है। अस्पताल की लिफ्ट लंबे समय से खराब है। ऐसे में जो महिलाएं खुद चलकर ऊपर नहीं जा पाती। उन्हें अस्पताल का स्टाफ या मरीज के परिजन डोली व दूसरे विकल्प के सहारे ऊपर लेकर जाते हैं जबकि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी व दूसरे इलाज की सुविधा पहली मंजिल पर उपलब्ध है। 

दरअसल, शनिवार को दिल्ली भाजपा की टीम कस्तूरबा अस्पताल का दौरा करने गई थी। इस दौरान टीम से अस्पताल में बदहाली देखी। प्रदेश उपाध्यक्ष व पार्षद योगिता सिंह के नेतृत्व में टीम ने इमारत और चिकित्सा अवसंरचना का निरीक्षण किया। बीते दिनों यहां करीब नौ घंटे बिजली गुल रहने के कारण वेंटिलेटर पर एक नवजात की मौत हो गई थी। उसी दिन यहां मोबाइल टॉर्च की रोशनी में प्रसव भी करवाए गए।

प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर, पार्षद नीमा भगत, सत्य शर्मा, डॉ. मोनिका पंत, नीता बिष्ट, अलका राघव, और मनीषा पुनिया शामिल थी। अस्पताल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रवीण शंकर कपूर ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने अस्पताल की समस्याओं का जिक्र किया। 

अंधेरे में हुई सर्जरी, टांके लगने के बाद आई बिजली : प्रतिनिधिमंडल ने अपने दौरे के दौरान मरीज उनके तीमारदार सहित स्टाफ से बातचीत की। चर्चा के दौरान एक ऐसी महिला मिली, जिसकी सर्जरी अंधेरे में हुई। सर्जरी के बाद अंधेरे में ही स्वास्थ्य कर्मियों ने रोशनी के दूसरे विकल्प का सहारा लेकर टांके लगाए।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को बताया कि इमारत खराब स्थिति में है। इस प्रसूति अस्पताल में लिफ्ट चालू नहीं हैं। पिछले एक साल से इसके मरम्मत का काम नहीं हुआ। बच्चों का वार्ड और प्रसूति वार्ड गंदे थे। मरीजों के बिस्तर बहुत पुराने और जर्जर थे और रखरखाव की कमी थी। यहां हालिया समय में बेसिक सफेदी तक नहीं हुई लगती थी। 

Show More

Related Articles

Back to top button