दिल्ली: नर्सरी, केजी और पहली में ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दाखिला

निदेशालय ने नर्सरी, केजी व पहली (प्री प्राइमरी व प्राइमरी) कक्षाओं में दाखिले के लिए एक मार्च को आवेदन प्रक्रिया को शुरू किया था। 21 मार्च को लॉटरी निकाल कर 23 मार्च से दाखिले की प्रक्रिया को शुरू किया था। दो से छह अप्रैल तक प्रतीक्षा सूची में शामिल बच्चों के दाखिले किए गए। इसके बाद भी अभी स्कूलों में कुछ सीटें खाली हैं।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में अब भी दाखिले का मौका बाकी है। इन कक्षाओं में दाखिले के लिए मार्च में समाप्त हुई दाखिला प्रक्रिया के बाद भी कुछ सीटें खाली हैं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय न इन सीटों को अब पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भरने का फैसला किया है। इन्हें भरने के लिए 15 अप्रैल से एक बार फिर दाखिला प्रक्रिया शुरू की जा रही है। दाखिले में स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी में रहने वाले बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी। 

शिक्षा निदेशालय ने इन कक्षाओं की खाली सीटों को भरने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने नर्सरी, केजी व पहली (प्री प्राइमरी व प्राइमरी) कक्षाओं में दाखिले के लिए एक मार्च को आवेदन प्रक्रिया को शुरू किया था। 21 मार्च को लॉटरी निकाल कर 23 मार्च से दाखिले की प्रक्रिया को शुरू किया था। दो से छह अप्रैल तक प्रतीक्षा सूची में शामिल बच्चों के दाखिले किए गए। इसके बाद भी अभी स्कूलों में कुछ सीटें खाली हैं। अब इन्हें ही भरा जाएगा इसके लिए स्कूलों को निदेशालय की ओर से दाखिले के लिए पूर्व में जारी किए गए नियमों का पालन करना होगा। 

स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी में रहने वाले बच्चों को दाखिले में प्राथमिकता मिलेगी। दूरी एक किलोमीटर नहीं होने पर ही तीन किलोमीटर वालों को दाखिले का मौका मिलेगा। यदि तीन किलोमीटर के दायरे में भी सर्वोदय स्कूल नहीं है तो छात्र अपने पास के किसी स्कूल में आवेदन कर सकता है। स्कूलों में उन सीटों को रिक्त माना जाएगा, जिन पर पिछले वर्षों के दौरान लंबे समय से छात्र अनुपस्थित हैं या स्कूल के प्रयासों के बाद भी उनका पता नहीं चल सका। इन सीटों पर दाखिले के आवेदन करने के लिए उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो किसी दूसरे सर्वोदय विद्यालय से स्थानांतरण के आधार पर दाखिला चाहते हैं। 

एक कक्षा में नहीं होंगे 40 से अधिक बच्चे 
निदेशालय ने स्कूल प्रमुखों को सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी सीट खाली न रहें। यह भी ध्यान रखना होगा कि एक कक्षा में 40 से ऊपर छात्र न हों। स्कूलों को कहा गया है कि वह खाली सीटों की जानकारी स्कूल के मुख्य गेट, प्रिंसिपल कार्यालय के बाहर व नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित करें। 

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