सूरज की तपिश से लोग बेहाल हैं। शनिवार को अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक रहा। मौसम विभाग के मुताबिक, 13 साल बाद 18 मई के दिन पारा 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचा है। यह इस माह का अब तक का सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले 2011 में इस दिन अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। अगले चार दिन में गर्मी और बढ़ेगी। मौसम विभाग ने रविवार के लिए लू का रेड अलर्ट जारी किया है, साथ ही आने वाले दो से तीन दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
प्रादेशिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, शनिवार को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। यह सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता का स्तर 70 फीसदी रहा। उधर, रविवार को कई इलाकों में लू चलने की आशंका जताई है। इस दौरान अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंचने का अनुमान है। जबकि न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री सेल्सियस तक जाने की आशंका है।
मुंगेशपुर में 46 के पार पहुंचा पारा
मौसम विभाग के मुताबिक, मुंगेशपुर इलाका सर्वाधिक गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। नजफगढ़ में 46.7, पीमतपुरा में 46.1, पूसा में 46, जाफरपुर में 45.6 व रिज में 45.5 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया।
वर्ष—-अधिकतम तापमान (18 मई के दिन)
2011—-44.1 डिग्री सेल्सियस
2012—-38 डिग्री सेल्सियस
2013—-42 डिग्री सेल्सियस
2014—-37 डिग्री सेल्सियस
2015—-40 डिग्री सेल्सियस
2016—-43 डिग्री सेल्सियस
2017—-37 डिग्री सेल्सियस
2018—-42 डिग्री सेल्सियस
2019—-37 डिग्री सेल्सियस
2020—-40.5 डिग्री सेल्सियस
2021—-37.8 डिग्री सेल्सियस
2022—-41.1 डिग्री सेल्सियस
2023—-41.1 डिग्री सेल्सियस
मौसम गर्म होने से अस्पतालों में बढ़े डायरिया के मरीज
गर्मी बढ़ते ही अस्पतालों में जलजनित रोगों के मरीज बढ़ गए हैं। इनमें आधे मरीज डायरिया से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। कई मरीजों की हालत काफी गंभीर होती है, जिस कारण उन्हें भर्ती तक करना पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो गर्मी बढ़ने के कारण डॉ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक, जीटीबी, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग, डीडीयू सहित दूसरे अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है, इसमें छोटे बच्चों की संख्या ज्यादा है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. आलोक हेमल ने बताया कि गर्मी बढ़ने के बाद अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सामान्य दिनों में ओपीडी में प्रतिदिन 200 से अधिक मरीज आते थे। अब इनमें 20 फीसदी की बढ़त देखी जा रही है। ओपीडी में आने वाले आधे मरीज डायरिया के हैं। इसके अलावा हीट स्ट्रोक, उल्टी, दस्त, हैजा, पेट में दर्द, वायरल सहित दूसरे रोग से पीड़ित होकर भी बच्चे पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे में इन रोगों से जुड़े लक्षण दिखते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर इलाज करवाना चाहिए। वहीं दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि गर्मी के दौरान अक्सर बच्चे खाने-पीने में लापरवाही करते हैं। इसके अलावा पानी की शुद्धता का भी ध्यान नहीं रखते, जिस कारण समस्या बढ़ जाती है। ऐसे समय में खाने-पीने का विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही कोशिश करनी चाहिए कि शरीर में किसी भी स्थिति में पानी की कमी हो न हो। इसके लिए समय-समय पर तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए।
बचाव के लिए क्या करें
– साफ और स्वच्छ पानी पियें
– ताजा बना हुआ भोजन करें
– खुले में रखे, या काफी देर तक कटे हुए फलों से बनाएं दूरी
– धूप में निकलते समय छाते का इस्तेमाल करें
– उल्टी, दस्त होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
यह लक्षण दिखे तो हो जाएं सतर्क
– थकान
– बुखार
– पेट दर्द
– मतली
– दस्त