दिल्ली में बाइपास व टनल से सुधरेगा ट्रैफिक, 27 हजार करोड़ की 6 सड़क परियोजनाएं जल्द शुरू

राजधानी को भीषण जाम से निजात दिलाने के लिए जल्द ही केंद्र व दिल्ली सरकार मिलकर 27 हजार करोड़ रुपये की लागत से छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू करेंगी। इनका मकसद दिल्ली-एनसीआर के बीच सुगम कनेक्टिविटी तैयार करना और शहर के भीतर आने वाले बाहरी ट्रैफिक को डायवर्ट कर लोगों की राह को आसान बनाना है।

इन परियोजनाओं का कार्यान्वयन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) करेगा, जबकि दिल्ली सरकार भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय मंजूरी, ट्रैफिक डायवर्जन और अन्य प्रशासनिक मामलों में सहयोग देगी। परियोजनाएं कुल 128 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेंगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की निगरानी में परियोजनाओं पर काम होगा। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों को समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया दिल्ली सरकार को निर्माण के दौरान ट्रैफिक और स्थानीय लोगों को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए जनसंचार अभियान भी चलाना होगा।

लंबी दूरी के वाहनों को बाइपास रूट मिलेंगे
साथ ही समय पर पर्यावरण, शहरी नियोजन और यातायात से जुड़ी मंजूरियों की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की होंगी। इन सभी परियोजनाओं के पूरा होने के बाद राजधानी की प्रमुख सड़कों पर यातायात काफी हद तक निर्बाध हो जाएगा। दिल्ली में आने वाले लंबी दूरी के वाहनों को बाइपास रूट मिलेंगे जिससे मुख्य शहर में ट्रैफिक कम होगा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी गति मिलेगी। इन परियोजनाओं से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे के लाखों लोगों को फायदा होगा।

एनएच-344एम से ट्रॉनिका सिटी तक लिंक रोड
एनएच-344एम से ट्रॉनिका सिटी तक 17 किलोमीटर लंबा लिंक रोड बनेगा। यह रोड दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को गाजियाबाद और फरीदाबाद के रास्ते नोएडा से जोड़ेगा। यह 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा जिसका उद्देश्य राजस्थान और हरियाणा से देहरादून जाने वाले वाहनों के लिए सीधी पहुंच प्रदान करना है। इससे उत्तर-पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद की ओर सफर भी सुगम होगा।

यूईआर-दो का 65 किमी तक पूर्वी विस्तार
गाजियाबाद और फरीदाबाद होते हुए नोएडा तक यूईआर-दो (शहरी विस्तार रोड-दो) के तहत 65 किलोमीटर तक का विस्तार होगा। इसे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा ताकि दिल्ली में वाहनों की भीड़ कम हो सके। यह विस्तार दिल्ली के दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी हिस्सों से आने वाले यातायात के लिए एक बाइपास के रूप में काम करेगा। इससे आउटर रिंग रोड और सराय काले खां जैसे जाम वाले क्षेत्रों पर वाहनों का दबाव घटेगा।

महिपालपुर से नेल्सन मंडेला मार्ग तक टनल
महिपालपुर से नेल्सन मंडेला मार्ग तक पांच किमी लंबी टनल द्वारका एक्सप्रेसवे को सीधे दक्षिण दिल्ली से जोड़ेगी। इससे धौला कुआं और राव तुला राम मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। महिपालपुर स्थित शिव मूर्ति से वसंत कुंज के नेल्सन मंडेला मार्ग तक टनल से न केवल कई सड़कों पर ट्रैफिक के दबाव को कम होगा बल्कि कुछ सड़कों को सिग्नल फ्री करने में भी मददगार साबित होगी।

एम्स से फरीदाबाद रोड तक एलिवेटेड कॉरिडोर
एम्स से महिपालपुर बाइपास होते हुए फरीदाबाद रोड तक 20 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। यह कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक कम करने के लिए बनेगा। कॉरिडोर एम्स से शुरू होकर रिंग रोड के रास्ते वसंत कुंज में नेल्सन मंडेला मार्ग से जुड़ेगा और फिर गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड तक जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली और गुरुग्राम के बीच वैकल्पिक और बिना बाधा के मार्ग प्रदान करना है।

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का विस्तार
यूईआर-दो (शहरी विस्तार रोड-दो), वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (केएमपी) और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 20 किलोमीटर लंबा नया लिंक एक्सप्रेसवे बनेगा। इसका उद्देश्य दिल्ली और हरियाणा के बीच यातायात की आवाजाही को सुगम बनाना है। इस परियोजना से जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा की ओर से आने वाला ट्रैफिक दिल्ली एयरपोर्ट और गुरुग्राम तक तेजी से पहुंचेगा।

कालिंदी कुंज इंटरचेंज का निर्माण
ओखला बैराज के पास दिल्ली-नोएडा और आगरा नहर रोड के जंक्शन पर कालिंदी कुंज इंटरचेंज बनेगा। इससे नोएडा और फरीदाबाद से दिल्ली आवागमन करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। कालिंदी कुंज चौक पर रोज दो लाख से ज्यादा वाहन सुबह-शाम जाम में फंसते हैं। यहां नोएडा, फरीदाबाद और दक्षिणी दिल्ली से आवागमन करने वाले वाहन चौक पर फंस जाते हैं। इससे कई घंटों तक वाहनों की कतार लग जाती है।

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