दिल्ली-यूपी में बढ़ेगी गर्मी, राजस्थान-बिहार में बारिश के आसार; पहाड़ों पर बदल सकता है मौसम

पश्चिमी विक्षोभ के असर से मिली राहत का दौर खत्म हो गया है। अब दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत उत्तर के राज्यों में तापमान चढ़ेगा और गर्मी बढ़ेगी। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च माह के अंत तक ही अधिकतम तापमान 38 से 40 डिग्री तक पहुंच सकता है। हालांकि कश्मीर और हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो रही है। इस कारण दिल्ली और पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में भी मौसम बदलने की संभावना है।

दिल्ली में साफ रहेगा मौसम
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार को आसमान साफ रहेगा। दिन में तेज धूप खिलेगी। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 और 17 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। 25 मार्च तक यह 36 और 18 डिग्री तक पहुंच जाएगा। दूसरी तरफ दिल्ली की हवा लगातार साफ ही चल रही है।

सीपीसीबी के मुताबिक बृहस्पतिवार को दिल्ली का एक्यूआइ 156 यानी मध्यम श्रेणी में रहा। एक दिन पहले बुधवार को यह 160 रहा था। यानी 24 घंटे के भीतर इसमें तीन अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है। एनसीआर के शहरों में भी एक्यूआइ संतोषजनक से मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।

गाजियाबाद में हीट वेब को लेकर एडवाइजरी जारी
वहीं, गाजियाबाद में मार्च में जून जैसा हाल देखकर स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को हीट वेव (लू) को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है। बता दें कि पिछले वर्ष हीट वेव से 21 लोगों की मौत हुई थी। मौसम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई एडवाइजरी में 11 बजे से चार बजे के बीच धूप में न निकलने की सलाह दी गई है।सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि लू चलने के बाद शरीर में कई प्रकार की बीमारी पनपने लगती है।

राजस्थान-बिहार में बारिश के आसार
आईएमडी ने अगले दो दिन तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी के साथ बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके प्रभाव से दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा-पंजाब, राजस्थान, यूपी और बिहार में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई जा रही है।

आयुष मंत्रालय ने शुरू किया तेज गर्मी से बचाव के लिए जागरूकता अभियान
बढ़ते तापमान और मौसम विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मद्देनजर आयुष मंत्रालय ने देशभर में फैले अपने संस्थानों के जरिये तेज गर्मी और लू से बचाव के लिए राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है।मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस अभियान में वैज्ञानिक प्रमाणों से पुष्ट सुझावों और पारंपरिक स्वास्थ्य चलनों पर जोर दिया गया है।

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