देश का पहली डिजिटल सिटी बनेगा इंदौर, पायलेट प्रोजेक्ट सफल

सफाई में देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने वाला इंदौर देश की पहली डिजिटल एड्रेस सिटी बनने जा रहा है। शहर के एक वार्ड में इसका पायलट प्रोजेक्ट सफल, अब वार्ड 71, 79 और 83 में डिजिटल पते लगाने की तैयारी है। शहरवासियों को इससे सुरक्षित और यूनिक एड्रेस मिलेगा। एक क्लिक पर सारी जानकारी मिलेगी।

इंदौर के सुदामा नगर वार्ड (वार्ड 82) से इसकी शुरुआत की गई थी। दो दिन तीन अन्य वार्डों में यह काम शुरू होगा। योजना के तहत शहर के हर घर को एक यूनिक डिजिटल एड्रेस प्लेट दी जा रही है, जिस पर क्यूआर कोड लगा होगा। क्यूआर कोड स्कैन करते ही उस घर की मूलभूत जानकारी जैसे पता, स्वामित्व और वेरिफिकेशन स्थिति एक क्लिक में दिखाई देगी। यह समस्त जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहेगी।

सुदामा नगर का डेटा तैयार

डिजिटल सिटी के तहत सुदामा नगर में हर घर में पता लगाया गया। हर घर को यूनिक नंबर दिया गया। इस वार्ड में कुल 7185 संपत्तियां दर्ज की गई। जिसमें 5582 आवासीय व 348 व्यावसायिक संपत्तियां है। इसके अलावा 45 मकान वे मिले, जो निगम रिकार्ड में दर्ज नहीं थे। इस प्रोजेक्ट के जरिए निगम में डुप्लीकेट रिकार्ड की भी जानकारी सामने आ रही है। शहरवासी भी इस यूनिट कोड के माध्यम से अपने जलकर व संपत्तिकर की अपडेट पा सकेंगे।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इंदौर ने सफाई में देश को दिशा दी। अब हम डिजिटल एड्रेस के माध्यम से डिजिटलाइजेशन प्रबंधन में भी देश के लिए मॉडल बनेंगे। इस योजना के पूरे होने के बाद इंदौर भारत की पहला डिजिटल एड्रेस सिटी कहलाएगा। इस योजना को सीएसआर फंड से किया जा रहा है। शहरवासियों पर कोई आर्थिक भार नहीं पड़ेगा।

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