पूरे बिहार में 2 दिन तक सरकारी कार्यालयों में डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों की वजह से काम ठप रहे। इनके अनुसार विगत 2 दशकों से 20 हजार बेल्ट्रॉनकर्मी सरकारी दफ्तरों के लिए रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं, लेकिन सरकार अब तक हमारी उपेक्षा कर रही है।
बिहार के सभी सरकारी कार्य आज भी ठप रहे। वजह यह है कि बिहार राज्य डाटा कम्प्यूटर ऑपरेटर संघ के आवाह्न पर पूरे बिहार के डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों ने मंगलवार और बुधवार को दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल किया। उनका कहना है कि सरकार उनकी दो मांगों को पूरा करे वर्ना यह हड़ताल एक बड़ा रूप अख्तियार कर सकती है। उनकी दो मांगों में पहली मांग यह है कि सभी बेल्ट्रॉन कर्मियों को पदस्थापित विभाग या कार्यालय स्तर से ही मानदेय का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाय और दूसरा यह कि सूचना एवं प्रावैधिकी संवर्ग नियमावली से आच्छादित करते हुए लेटरल इंट्री के तहत विभागीय समायोजन किया जाय।
दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के बाद अब होगा अनिश्चितकालीन हड़ताल
इस संबंध में संघ के प्रदेश संयोजक प्रभात कुमार ने बताया कि संघ के द्वारा सरकार के खिलाफ चरणबद्व तरीके से आंदोलन किया जा रहा है। दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के बाद अगर बिहार सरकार हमारी सेवा समायोजन की मांग को पूरा नहीं करती है तो हम अगले माह से अनिश्चितकालीन हड़ताल भी करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दो दशक पुराने आउटसोंसिग व्यवस्था को प्रदेश सरकार जल्द से जल्द समाप्त करे और हम सभी कर्मियों को सीधे विभाग से समायोजित करे। उन्होंने कहा कि इस तरह के सरकार के दोहरी नीति का संघ पुरजोर विरोध करती है। सेवा समायोजन की मांग को मानते हुए सरकार को आगामी चुनाव के पूर्व इसकी घोषणा कर देनी चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश संघ राज्यस्तरीय एकता मंच के साथ मिलकर संवर्ग के एकल मांग सेवा समायोजन को लेकर रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारी बस दो मांग हैः-1.सभी बेल्ट्रॉन कर्मियों को पदस्थापित विभाग या कार्यालय स्तर से ही मानदेय आदि का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाय तथा 2) सूचना एवं प्रावैधिकी संवर्ग नियमावली से आच्छादित करते हुए लेटरल इंट्री के तहत विभागीय समायोजन किया जाय।
इन विभागों में काम हुआ प्रभावित
वर्तमान में राज्यपाल सचिवालय, मुख्यमंत्री सचिवालय, पटना उच्च न्यायालय, बिहार मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त कार्यालय, पटना समाहरणालय, पुलिस मुख्यालय, कार्मिक विभाग,स्वास्थ्य विभाग, राजस्व-भूमि सुधार विभाग, गृह विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सभी कोषागार, परिवहन विभाग, श्रम संसाधन विभाग, पशुपालन विभाग आदि का विभागीय कार्य पूरी तरह से ठप होने से राज्य सरकार को भारी नुकसान हो रहा है।